कोर्ट ने नहीं किया न्याय, फैसले के खिलाफ जाऊंगी हाईकोर्ट: जाकिया जाफरी
गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में आए कोर्ट के फैसले पर जाकिया जाफरी ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि कोर्ट ने उनके साथ न्याय नहीं किया है। वह न्याय के हाईकोर्ट जाएंगी।
अहमदाबाद । गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में दोषियों को आज सजा सुनाए जाने के बावजूद दिवंगत कांग्रेसी सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी पूरी तरह से नारज दिखाई दीं। उन्होंने इस फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि अदालत ने उनके साथ अन्याय किया है। उनका कहना था कि वह विशेष एसआइटी अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगी। विशेष एसआइटी अदालत ने आज अपने फैसले में गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले के 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जाकिया ने अदालत द्वारा एक दोषी को दस साल की सजा और अन्य 12 को सात सात साल की सजा सुनाए जाने पर अपनी नाराजगी खुलेतौर पर व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अदालत ने इन दोषियों को कम गंभीर अपराधों का दोषी ठहराया है जिनमें हत्या शामिल नहीं है। इसके अलावा जाकिया ने 36 अन्य को इस मामले में बरी किए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की है।
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सजा के ऐलान के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा वह यह नहीं समझ पाई हैं कि क्यों 11 दोषियों को उम्र कैद और कुछ को केवल सात साल या दस साल कैद की सजा सुनायी गई। उनका आराेप था कि यहां सलेक्टिव एप्रोच नहीं अपनाई गई है जबकि वह सभी लोग गुलबर्ग सोसाइटी के अंदर लोगों की जान लेने वाली भीड़ का हिस्सा थे। यह गलत न्याय है, अदालत ने मेरे साथ न्याय नहीं किया।
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जकिया ने कहा जिस वक्त हिंसक भीड़ ने सोसायटी और उनके पति पर हमला किया वह उस वक्त वहीं मौजूद थीं। वह एक सांसद थे, और उन्हें धारदार हथियार से मारने के बाद सड़क के बीचोंबीच जिंदा जला दिया गया था। आज का फैसला उस अपराध के लिए कहीं से भी सही नहीं है।
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जाकिया के अनुसार, जिन लोगों को बरी किया गया है वह भी दोषी हैं और उन्हें भी सजा दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा न्याय के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी. इन 36 आरोपियों को क्यों बरी किया गया? क्या उन्होंने सोसाइटी के किसी भी निवासी को बचाया था? वह भी भीड़ का हिस्सा थे. मैं आज के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. मैं इसके खिलाफ उच्च न्यायालय जाऊंगी।