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    इनकम टैक्स में छूट, GST में कटौती... अर्थव्यवस्था पर क्या होगा इन फैसलों का असर? एक्सपर्ट ने बताया

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 08:30 PM (IST)

    मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि जीएसटी सुधारों और आयकर राहत से अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे वित्त वर्ष 2025-26 में विकास दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। नागेश्वरन ने कहा कि जीएसटी 2.0 एक ऐतिहासिक सुधार है जो घरेलू मांग को बढ़ावा देगा।

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    विकास दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के ऊपरी स्तर पर पहुंच जाएगी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि जीएसटी सुधारों और केंद्रीय बजट में घोषित आयकर राहत का अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे चालू वित्त वर्ष यानी 2025-26 में विकास दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के ऊपरी स्तर पर पहुंच जाएगी।

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    एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नागेश्वर ने कहा, 'जीएसटी 2.0 एक बहुत ही ऐतिहासिक सुधार है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह घरेलू मांग को काफी बढ़ावा देगा। अप्रत्यक्ष करों के अलावा, केंद्रीय बजट के तहत रियायतों और राहतों की भी घोषणा की गई है। गुणात्मक प्रभाव के साथ, ये निश्चित रूप से जीडीपी के आंकड़ों को बढ़ावा देंगे।'

    'कटौती के बावजूद संग्रह में वृद्धि'

    नागेश्वरन ने कहा कि आयकर में कटौती के माध्यम से प्रत्यक्ष कर राहत और जीएसटी दरों में कटौती के माध्यम से अप्रत्यक्ष कर राहत का संयुक्त प्रभाव 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अन्य अनिश्चितताएं इस प्रभाव को कम कर सकती हैं। राजस्व प्रभाव को लेकर राज्यों की चिंताओं पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अनुभव बताता है कि दरों में कटौती के बावजूद संग्रह में वृद्धि हुई है।

    उन्होंने कहा, 'हमारे गैर-कर राजस्व में अच्छी वृद्धि हुई है। कुल राजस्व वृद्धि सही दिशा में है। त्योहारी सीजन साल के अंत तक जारी रहेगा। हमें विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय गणित बहुत अच्छा रहेगा।' तिमाही वृद्धि के बारे में नागेश्वरन ने संकेत दिया कि भारत की दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत के करीब रह सकती है।

    एफडीआई के लिए उत्प्रेरक

    नागेश्वर ने इस बात पर भी विश्वास जताया कि देश में मध्यम से दीर्घकालिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में कोई बाधा नहीं आएगी। जीएसटी और नियमों में ढील एफडीआई के लिए उत्प्रेरक का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त टैरिफ के बावजूद, भारत का मध्यम से दीर्घकालिक निवेश आकर्षण प्रभावित नहीं होगा।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सोमवार से लागू हुए जीएसटी सुधारों से गरीबों, युवाओं, किसानों, महिलाओं, दुकानदारों और उद्यमियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पांच और 18 प्रतिशत की कर दरें न केवल स्थानीय मैन्यूफैक्च¨रग को बढ़ावा देंगी बल्कि सहकारी संघवाद भी मजबूत होगा।

    वित्त मंत्री ने विपक्ष को घेरा

    वित्त मंत्री ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन का हवाला देते हुए कहा, 'हम सभी को विकास को गति देने, व्यवसायों के लिए कामकाज को आसान बनाने और निवेश के लिए भारत को आकर्षक बनाने के लिए काम करना चाहिए।'

    उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में कई संदेश थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सकारात्मक संबोधन के बावजूद विपक्षी पार्टी और उसके इंटरनेट मीडिया तंत्र ने नकारात्मकता फैलाई।'

    (न्यूज एजेंसी एएनआई व आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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