22 सितंबर से पहले पैक हुए सामानों पर भी मिलेगा कम GST का लाभ, सरकार ने आसान किए पैकेजिंग नियम
सरकार ने जीएसटी में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए पैकेजिंग नियमों को सरल बनाया है। 22 सितंबर 2025 से पहले पैक सामान पर भी कम कीमत का लाभ मिलेगा पुरानी पैकिंग मार्च 2026 तक इस्तेमाल हो सकेगी। कंपनियां स्टिकर या प्रिंटिंग से नई कीमत लिख सकती हैं लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने उपभोक्ताओं तक जीएसटी में कमी का फायदा पहुंचाने और कंपनियों पर बोझ कम करने के लिए पैकेजिंग के नियम आसान कर दिए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि 22 सितंबर 2025 से पहले पैक हुए सामानों पर भी ग्राहक को नई वाली कम कीमत का लाभ मिलेगा। पुरानी पैकिंग मार्च 2026 तक इस्तेमाल की जा सकेगी। यानी पैकिंग बदले बिना ही उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिल सकेगा।
नए नियमों के तहत कंपनियों को अब यह आजादी होगी कि वे पुराने पैकेज पर स्टिकर, मुहर या प्रिंटिंग के जरिये नई कीमत लिखें। हालांकि यह करना जरूरी नहीं है। कंपनियां चाहें तो ही ऐसा करें। मगर ध्यान रखना होगा कि पैकेज पर छपी पहले वाली एमआरपी भी साफ दिखाई दे।
पुराने पैकेज और रैपर का 31 मार्च 2026 तक इस्तेमाल
पहले नियम था कि कंपनियों को नई कीमत की जानकारी दो अखबारों में देनी पड़ती थी। अब यह जरूरी नहीं है। कंपनियों को सिर्फ थोक और खुदरा दुकानदारों को नई कीमतों की लिस्ट देनी होगी, जिसकी कापी सरकार के संबंधित विभागों को भेजनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुराने पैकेज और रैपर को कंपनियां 31 मार्च 2026 तक इस्तेमाल कर सकती हैं। यानी बाजार में उपभोक्ताओं को कुछ समय तक पुरानी पैकिंग में ही सामान मिलेगा, लेकिन उस पर कीमत जीएसटी कटौती के बाद की लिखी हुई मिलेगी।
सस्ते दाम पर सामान खरीद सकेंगे
सरकार का कहना है कि कंपनियों को यह जानकारी उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट मीडिया, अखबार और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे लोगों को पता चलेगा कि उन्हें कम जीएसटी का सीधा फायदा मिल रहा है। सरकार का दावा है कि इस कदम से उद्योग जगत का काम आसान होगा और उपभोक्ता भी सस्ते दाम पर सामान खरीद सकेंगे।
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