हरियाणा में GST दरों में बदलाव से राहत, अब ये चीजें हो जाएंगी सस्ती; 2 करोड़ तक टर्नओवर पर नहीं भरना होगा वार्षिक रिटर्न
हरियाणा सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव किया है जिससे कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स कम हो गया है। दो करोड़ तक के कारोबार पर अब वार्षिक रिटर्न नहीं भरना होगा। दूध पनीर घी मक्खन जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी की दरें घटाई गई हैं। कृषि उपकरणों पर भी टैक्स कम किया गया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जीएसटी परिषद की सिफारिशों को लागू करते हुए प्रदेश सरकार ने हरियाणा माल एवं सेवा कर (एचजीएसटी) की दरों में बदलाव कर दिया है। परिवहन शुल्क के साथ ही विभिन्न तरह की उपभोक्ता वस्तुओं, कृषि उपकरणों और अलग-अलग तरह के सामान पर एचजीएसटी में कटौती की गई है। हालांकि कुछ लग्जरी आइटम और हानिकारक पदार्थों पर टैक्स में बढ़ोतरी भी की गई है, जिससे यह सामान महंगे मिलेंगे। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
आबकारी एवं कराधान विभाग की आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड़ तथा आबकारी एवं कराधान आयुक्त सह राज्य कर आयुक्त विनय प्रताप सिंह की तरफ से टैक्स दरों में बदलाव को लेकर बृहस्पतिवार को कुल 12 अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। दो करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाले व्यापारियों-उद्यमियों को अब वार्षिक रिटर्न नहीं भरना होगा।
जीएसटी दरों में बदलाव से हरियाणा के गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के लोगों को करीब चार हजार करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है। जीएसटी करों में कटौती से रोजमर्रा इस्तेमाल के उपभोक्ता सामान सस्ते होने से लोगों की बचत बढ़ेगी जिससे त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
पैकेज्ड दूध और पनीर पर जीएसटी खत्म कर दिया है, जबकि घी, मक्खन और सूखे मेवों पर दरें 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं। रोटी और परांठा जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी खत्म करने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं और जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है।
डायग्नोस्टिक किट जैसे ग्लूकोमीटर और रीजेंट पर जीएसटी पांच प्रतिशत कर दिया गया है। छोटी कारों पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से मध्यम वर्ग के लिए अधिक किफायती हो जाएंगी और आटोमोबाइल क्षेत्र में मांग बढ़ेगी। वहीं, तंबाकू उत्पादों, पान मसाला और सिगरेट तथा चीनी युक्त एयरियेटिडवाटर और कैफीन युक्त पेय पदार्थों पर जीएसटी 40 प्रतिशत कर हानिकारक उत्पादों की खपत को हतोत्साहित किया जाएगा।
सीमेंट पर जीएसटी घटाने से आमजन के लिए मकान बनाना आसान हो जाएगा। सिंचाई और जुताई मशीनरी जैसे कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत करने से कृषि उपकरण सस्ते मिलेंगे। जैव-कीटनाशकों और अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरकों पर पांच प्रतिशत जीएसटी से इनपुट लागत कम होगी और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रैक्टर और ट्रैक्टर पुर्जों पर भी जीएसटी दरों को कम किया गया है। सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी पांच प्रतिशत की गई है। धागे, कपड़े और सिलाई मशीन पर जीएसटी पांच प्रतिशत रहने से कपड़े सस्ते होंगे।
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