आम आदमी को राहत, मुनाफाखोरों पर होगी कार्रवाई... GST कटौती के बाद वित्त मंत्री सीतारमण का बड़ा एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद 54 रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम 6-12% तक घटे हैं। जीएसटी कटौती का लाभ न देने वालों को सजा मिलेगी। उपभोक्ता मंत्रालय को 3075 शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच हो रही है। कटौती से खपत बढ़ने, उत्पादन और रोजगार को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। आईएमएफ ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाया है।

जीएसटी कटौती का लाभ नहीं देने वालों को सजा तक दिलाएंगे (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि गत 22 सितंबर से जीएसटी की दरों में कटौती के बाद रोजमर्रा के 54 आइटम के दाम में 6-12 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। आम आदमी को जीएसटी दरों में कटौती का लाभ मिल रहा है।
इन 54 आइटम में बटर-घी से लेकर टूथब्रश व शैंपू, छाता व खिलौने तक शामिल हैं। गत 22 सितंबर के बाद से लेकर अब तक विभिन्न जोन से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर वित्त मंत्रालय ने यह दावा किया है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जीएसटी की दरों में कटौती का लाभ नहीं देने वालों को सजा दिलाई जाएगी।
कितनी शिकायतें आई
जीएसटी कटौती का लाभ नहीं देने के मामले में उपभोक्ता मंत्रालय के पास आई शिकायतों में से 3075 शिकायतों को जांच के लिए अप्रत्यक्ष कर विभाग के पास भेज दिया गया है जिसकी जांच जीएसटी संबंधित अधिकारी कर रहे हैं। गत 22 सितंबर से जीएसटी दरों में कटौती का लाभ नहीं मिलने पर सरकार ने जनता से उपभोक्ता मामले मंत्रालय में शिकायत करने के लिए कहा था।
नवरात्र से आरंभ होने वाले जीएसटी बचत उत्सव के दौरान वस्तुओं की बिक्री से लेकर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी देने के लिए शनिवार को वित्त मंत्री के साथ वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव एक मंच पर इकट्ठा हुए।
दरों में कटौती का क्या है मतलब?
जीएसटी दरों में कटौती को कांग्रेस की तरफ से पूर्व का भूल सुधार बताए जाने सीतारमण ने कहा कि यह भूल सुधार नहीं है। दरों में कटौती का क्या मतलब होता है, इसे समझने के लिए कांग्रेस नेता को पूर्व के वित्त मंत्री से कोचिंग लेना चाहिए। कांग्रेस ने तो जीएसटी को लागू ही करने की कोशिश नहीं की।
सीतारमण ने कहा कि हमारा मासिक जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ के पार जा रहा था। ऐसे में जनता को टैक्स कटौती का लाभ देने की गुंजाइश थी। जीएसटी दरों में कटौती से खपत में होने वाली बढ़ोतरी से मांग के साथ मैन्यूफैक्चरिंग और रोजगार को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
होगा साकारात्मक असर
विपक्ष हर चीज में राजनीति करता है, उसे देश हित और जनहित की कोई चिंता नहीं है। इस मौके पर गोयल ने कहा कि इस साल पहले इनकम टैक्स में छूट और फिर जीएसटी में कटौती से अर्थव्यवस्था पर कई सकारात्मक असर होगा। जीएसटी कटौती के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की विकास दर के अनुमान को पहले के मुकाबले बढ़ाते हुए 6.6 प्रतिशत कर दिया है।
देश में स्वदेशी की भावना का संचार हुआ है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। वैष्णव ने कहा कि जीएसटी की दरों में कटौती से मोबाइल फोन से लेकर टीवी, एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की बिक्री में 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में दहाई अंक में बढ़ोतरी हो रही है जिसका असर रोजगार पर भी दिखेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में पहले से ही 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
जीएसटी दर घटने से वास्तव में दाम में होने वाली गिरावट (प्रतिशत में)
आइटम जीएसटी रेट पहले बाद में वास्तविक गिरावट (सभी दर प्रतिशत में)
बटर 12 5 6.47 प्रतिशत
घी 12 5 5.97
चॉकलेट 18 5 8.41
बिस्कुट व कुकीज 18 5 10.28
बोतलबंद पानी 12 5 9.90
आइसक्रीम 18 5 9.22
शैंपू 18 5 12.36
टूथब्रश 12 5 11.23
फेस पाउडर 18 5 12.22
शेविंग क्रीम 18 5 9.51
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।