होटल में इतने रुपये से कम किराए वाले कमरे पर मिलने लगा GST कटौती का फायदा, नहीं लगेगा सर्विस चार्ज
होटल कमरों पर जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को 22 सितंबर से ही मिल रहा है। 7500 रुपए से कम किराए वाले कमरों पर अब 12% की जगह 5% जीएसटी लग रहा है। 90% कमरों का किराया 7500 रुपए तक है। फेडरेशन ने 7500 रुपए से अधिक किराए वाले कमरों के फूड पर भी 5% जीएसटी करने की मांग की है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। होटल के कमरे पर जीएसटी कटौती का लाभ गत 22 सितंबर से ही ग्राहकों को मिलने लगा है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) का कहना है कि प्रतिदिन 7500 रुपए से कम किराए वाले होटल कमरे पर अब 12 प्रतिशत की जगह सिर्फ पांच प्रतिशत का जीएसटी ग्राहकों से लिया जा रहा है।
देश में 90 प्रतिशत होटल कमरे का प्रतिदिन का किराया 7500 रुपए तक ही है। प्रतिदिन 7500 रुपए से अधिक किराए वाले होटल कमरे पर 18 प्रतिशत का जीएसटी लिया जा रहा है। इस प्रकार के कमरे में फूड पर भी 18 प्रतिशत का जीएसटी वसूला जाता है जबकि अन्य प्रकार के कमरे के साथ और साधारण रूप से फूड की खपत पर पांच प्रतिशत का जीएसटी लगता है।
फेडरेशन ने सरकार से की ये मांग
फेडरेशन ने सरकार से 7500 रुपए से अधिक किराए वाले होटल कमरे के फूड पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी करने की मांग की है। एफएचआरएआई के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि होटल उद्योग जीएसटी कटौती के फैसले का पूरी तरह से पालन कर रहा है। सरकार ने पांच प्रतिशत जीएसटी के साथ उन्हें मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट को बंद कर दिया है जिससे होटल उद्योग में होने वाले निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन इससे ग्राहकों को मिलने वाले फायदे पर कोई फर्क नहीं आ रहा है।
होटल मालिकों का क्या कहना है?
22 सितंबर से पहले तक 12 प्रतिशत जीएसटी के साथ होटल मालिक को इनपुट टैक्स क्रेडिट भी मिल जाता था। होटल मालिकों का कहना है कि होटल के कमरे में वे साफ-सफाई के लिए हाउस कीपिंग का इस्तेमाल करते है जिस पर उन्हें जीएसटी शुल्क के साथ भुगतान करना पड़ता है। जीएसटी की दरों में बदलाव से पहले तक इस प्रकार के खर्च पर लगने वाले जीएसटी को सरकार वापस कर देती थी, अब नहीं करेगी। लेकिन इस वजह से कमरे का कोई किराया नहीं बढ़ाया गया है।
एफएचआरएआई ने किया यह दावा
वैसे, होटल कमरे का कोई पहले निर्धारित किराया नहीं होता है, मांग के मुताबिक होटल कमरे के किराए में उतार—ढ़ाव होता रहता है। एफएचआरएआई ने यह भी दावा किया कि 98 प्रतिशत होटल व रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज नहीं ले रहे हैं। बचे हुए दो प्रतिशत रेस्टोरेंट ऐच्छिक रूप से सर्विस चार्ज ले रहे हैं। अगर ग्राहक मना करता है तो उन्हें सर्विस चार्ज को हटाकर बिलिंग करना पड़ेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो इसकी शिकायत एफएचआरएआई से तुरंत करें, आपका सर्विस चार्ज वापस मिल जाएगा।
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