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    Alto से लेकर Punch तक, कार की कीमत में भयंकर कटौती; इस कंपनी की कार खरीदने पर ज्यादा फायदा

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    पिछले दो वर्षों में वाहनों की बिक्री में वृद्धि नहीं हुई है क्योंकि दोपहिया वाहन चालक चार पहिया वाहन खरीदने से हिचकिचा रहे हैं। जीएसटी दरों में कटौती के बाद एंट्री-लेवल कारों की बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोपहिया वाहन चालकों को आकर्षित करेगा।

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    सस्ती कारों की बिक्री फिर से रफ्तार पकड़ने जा रही (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो वर्षों से भारत में वाहनों की बिक्री में कोई खास वृद्धि नहीं होने के पीछे एक कारण यह बताया जा रहा है कि दोपिहया वाहन चलाने वाले ग्राहक अब चार पहिया वाहन खरीद से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में कभी इंट्री लेवल कार बाजार (5-7 लाख रुपये कीमत वाली कारें) के तौर पर पर मशहूर भारत अब एसयूवी बाजार में तब्दील हो चुका ह।

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    लेकिन जीएसटी दरों में कटौती के बाद संकेत है कि इंट्री लेवल यानी सबसे सस्ती कारों की बिक्री फिर से रफ्तार पकड़ने जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोपहिया वाहन उपयोगकर्ताओं को कारों की ओर आकर्षित करेगा और छोटी कारों के बाजार को फिर से मजबूत करेगा, जो हाल के वर्षों में एसयूवी के दबदबे के कारण सिकुड़ गया था।

    बिक्री में होगा इजाफा

    इस कार बाजार की दिग्गज कार कंपनियों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन (सियाम) का अनुमान है कि अगले कुछ महीनों तक ऑल्टो, वैगन आर, आई-10, टियागो, पंच, स्विफ्ट डिजायर की बिक्री में 15 फीसद का इजाफा होने जा रहा है। कंपनियां जीएसटी दरों में मिली राहत ग्राहकों को देने के साथ ही इनकी बिक्री बढ़ाने के लिए अलग से 60-70 हजार रुपये की बेनिफिट दे रही हैं।

    जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में छोटी कारों (लंबाई 4 मीटर से कम, इंजन क्षमता 1200 सीसी पेट्रोल या 1500 सीसी डीजल तक) पर जीएसटी दर 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद कर दी गई है। यह कटौती सोमवार 22 सितंबर से लागू हुई हैं। इससे 5-7 लाख रुपये की रेंज वाली कारों की कीमतों में 50,000 से 1.30 लाख रुपये तक की सीधी कमी हुई है। मध्यम वर्ग के पहले कार खरीदारों के लिए बड़ी राहत है।

    दाम में 8 फीसदी की न्यूनतम कटौती

    कार डीलरों का कहना है कि जीएसटी कटौती के बाद से ही उनके पास इंट्री लेवल कारों को लेकर पूछताछ बढ़ गई है। खास तौर पर मझोले, छोटे व ग्रामीण बाजारों में इस त्योहारी मौसम में बिक्री दोगुना बढ़ने की संभावना है। एचएसबीसी रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक इंट्री-लेवल कारों की कीमतों में आठ फीसद की न्यूनतम कटौती से इनकी सालाना बिक्री दहाई अंक में दर्ज हो सकती है। कार बाजार में 50 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली मारुति सुजुकी ने अपने 15 मॉडलों पर 67,000 से 1.29 लाख रुपये तक की कटौती की घोषणा की है।

    कंपनी के सीनियर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव (सेल्स) पार्थो सेन का कहना है कि, 'दोपहिया वाहन चलाने वालों को कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमने जीएसटी कटौती के अलावा भी अपनी तरफ से अतिरिक्त छूट देने की घोषणा की है। जैसे एस-प्रेसो मॉडल की कीमत में तो 24 फीसद तक की कमी की घोषणा की है। के10 ऑल्टो की कीमत 20 फीसद तक नीचे आया है। सिलेरियो 17 फीसद और वैगन-आर 10 फीसद तक सस्ता हो गया है।'

    छोटी कार बाजार में 25 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली हुंडई मोटर इंडिया ने भी अपनी कारों पर 1.1 लाख तक की कमी की है। कंपनी के सीओओ तरूण गर्ग का कहना है कि, 'निश्चित तौर पर छोटी कारों की मांग बढ़ने जा रही है। दस वर्ष पहले भारतीय बाजार में इनकी हिस्सेदारी 50 फीसद थी जो अब 23 फीसद रह गई है। इस दौरान हमने देखा है कि भारत में छोटी एसयूवी की तरफ लोगों का रुझान काफी बढ़ा हुआ है।' हालांकि गर्ग यह भी मानते हैं कि छोटी कारों में भी छोटे एसयूवी की मांग ही बढ़ेगी। पारंपरिक छोटी कारों की तरफ शायद ही ग्राहक फिर से जाएंगे।

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