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    जीएसटी रिफॉर्म का असर, जल्द सस्ते होंगे प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट; इन कंपनियों ने दिया लिखित में आश्वासन

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:42 PM (IST)

    केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती के बाद खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने ग्राहकों और किसानों को इसका लाभ पहुंचाने का वादा किया है। अमूल ब्रिटानिया और बिसलेरी जैसी कंपनियों ने सरकार को लिखित में आश्वासन दिया है कि जीएसटी में सुधार से खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद सस्ते होंगे और महंगाई से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

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    सस्ते होंगे प्रोसेसड फूड आइटम्स। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म करते हुए जिस तरह से दरों को घटाया है, उसका असर जल्द ही बाजार पर दिखाई देगा। बड़े उपभोक्ता वर्ग से जुड़े खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने एक स्वर में एलान किया है कि जीएसटी कटौती से संबंधित कंपनियों को बड़ी राहत मिलने वाली है, इसलिए कंपनियां उसका लाभ निश्चित ही ग्राहकों और किसानों तक भी पहुंचाएंगी।

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    अमूल, ब्रिटानिया, बिसलेरी, रसना और डाबर जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा लिखित रूप से सरकार को दिए गए इस आश्वासन के बाद माना जा रहा है कि जीएसटी में सुधार का यह कदम महंगाई से मुकाबला करने में अहम साबित होगा। खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद सस्ते होने की उम्मीद है।

    जीएसटी रिफॉर्म से फूड प्रोसेसिंग कंपनियों को होगा लाभ

    खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग मंत्रालय और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के साथ नई दिल्ली में आयोजित बैठक में फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि यह उत्साहित करने वाला है कि सरलीकरण पांच और 18 प्रतिशत के दो स्लैब में रखे गए हैं।

    उन्होंने खुलकर स्वीकार किया कि जीएसटी में यह सुधार अप्रत्याशित है और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को उल्लेखनीय लाभ होने की उम्मीद है। साथ ही दावा किया कि प्रमुख खाद्य पदार्थों, डेयरी, बेकरी और पैकेज्ड खाद्य उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत या शून्य कर की दर लागू होने से इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता बढ़ेगी और कंपनियों के लिए भी निवेश बढ़ाने का यह बेहतर अवसर साबित हो सकता है।

    सीआईआई की एफएमसीजी कमेटी के चेयरमैन व रसना इंटरनेशनल के चेयरमैन पिरुज खमबाटा ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण कंपनियां इन जीएसटी सुधारों से बहुत खुश हैं और ग्राहकों के साथ ही किसानों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहां रखे शपथ-पत्र भी सभी कंपनी प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दर कम होने का लाभ ग्राहकों-किसानों तक पहुंचाने का संकल्प अमूल के एमडी जयेन मेहता, ब्रिटानिया के सीईओ वरुण बेरी, पेप्सिको के सीएफओ कौशिक मित्रा, बिसलेरी के सीईओ एंजेला जार्ज ने भी दोहराया।

    सरकार ने ''रिफॉर्म'' किया, आप करें ''परफॉर्म'': चिराग पासवान

    केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिफार्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मूलमंत्र पर चल रही है। सरकार ने रिफॉर्म कर दिया है, अब बारी उद्योगों की है कि वह परफॉर्म करें। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधि अक्सर उन्हें सुझाव देते थे, उन सभी को पीएम मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा गया और ऐतिहासिक जीएसटी रिफार्म किया गया।

    चिराग ने दावा किया कि इसका सबसे अधिक लाभ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को मिलने जा रहा है। उद्यमियों की जिम्मेदारी है कि वह 22 सितंबर से लागू हो रही जीएसटी की घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं। निवेश कर गुणवत्ता बेहतर करें।

    वहीं मंत्रालय के सचिव एपी दास जोशी ने कहा कि पहली बार इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म देखा गया है। अभी भारत लगभग 11 प्रतिशत उत्पादन की ही प्रोसेसिंग कर रहा है और यह मौका है कि निवेश बढ़ाकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का आकार भी बढ़ाएं।

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