New GST Rate: 22 सितंबर के बाद भी नहीं घटेंगे पैकेट वाले दूध के दाम? अमूल ने कर दिया ऐलान, कहा- हम किसी भी...
अमूल पैकेज्ड पाउच दूध के दामों में कोई बदलाव नहीं करेगा। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि ताजा पाउच दूध की कीमतों में किसी तरह का बदलाव प्रस्तावित नहीं है। क्योंकि इस पर कभी भी GST नहीं रहा है। यह हमेशा से जीरो परसेंट टैक्स के दायरे में रहा है।

नई दिल्ली| 22 सितंबर से लागू हो रहे GST 2.0 सुधार को लेकर अमूल ने बड़ी सफाई दी है। कंपनी ने कहा है कि पैकेज्ड पाउच दूध के दामों में कोई बदलाव नहीं होगा। अमूल की ओर से कहा गया कि पाउच दूध पर हमेशा से ही जीरो परसेंट GST लगता है। इसलिए इसमें किसी तरह की कटौती या बढ़ोतरी का सवाल ही नहीं उठता।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि,
"ताजा पाउच दूध की कीमतों में किसी तरह का बदलाव प्रस्तावित नहीं है। क्योंकि इस पर कभी भी GST नहीं रहा है। यह हमेशा से जीरो परसेंट टैक्स के दायरे में रहा है।"
सिर्फ यूटीएच दूध ही होगा सस्ता
यह बयान उस समय आया है जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पाउच दूध 3 से 4 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। फिलहाल मेहता ने इन रिपोर्ट्स को गलत बताया है। उन्होंने साफ किया कि सिर्फ लॉन्ग लाइफ यूटीएच (UTH- Ultra high temperature processing) दूध ही सस्ता होगा। इस पर अभी तक 5% GST लगता था, जो अब 22 सितंबर से पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने की थी GST में सुधार की घोषणा
3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल मीटिंग में GST दरों में सुधार की घोषणा की थी। इसे 'नेक्स्ट-जनरेशन GST रिफॉर्म' बताया गया था। 56वीं GST काउंसिल की बैठक में 12% और 28% वाले स्लैब को मिलाकर अब सिर्फ दो रेट- 5% और 18% कर दिए गए।
दुग्ध सहकारी संस्थाओं जैसे अमूल और मदर डेयरी ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पनीर, चीज, घी, मक्खन, पेय पदार्थ और आइसक्रीम जैसे उत्पादों पर टैक्स घटने से खपत बढ़ेगी और किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
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देश के 10 करोड़ किसानों को राहत
जयेन मेहता ने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि,
"यह कदम गुजरात के 36 लाख किसान परिवारों और देशभर के 10 करोड़ डेयरी किसानों के लिए बहुत बड़ा राहत कदम है।"
वहीं उद्योग जगत का मानना है कि इस सुधार से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, किसानों की आमदनी बढ़ेगी और डेयरी सेक्टर में नए अवसर खुलेंगे।
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