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    राज्‍यसभा में GST बिल पेश, हंगामें के बाद कार्यवाही स्‍थगित

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 11 Aug 2015 03:11 PM (IST)

    आज दोपहर दो बजे राज्‍यसभा में सरकार ने जीएसटी बिल पेश किया। लेकिन भारी हंगामे के चलते इस पर कोई बहस नहीं हो सकी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दी गई। कांग्रेस और भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के

    नई दिल्ली। आज दोपहर दो बजे राज्यसभा में सरकार ने जीएसटी बिल पेश किया। लेकिन भारी हंगामे के चलते इस पर कोई बहस नहीं हो सकी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस और भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। कांग्रेस के सभी सांसद आज भी हाथों में काली पट्टी बांधकर सदन में मौजूद थे और सरकार के प्रति अपना विरोध जता रहे हैं। इससे पहले भी राज्यसभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा था।

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    लाेकसभा में कांग्रेस का हंगामा

    वहीं दूसरी ओर आज ही लोकसभा में ललित मोदी पर नियम 193 के तहत चर्चा होनी है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने भाषणबाजी बंद करो के नारे लगाए और हंगामा भी किया। इसके जवाब में वैंकेया नायडू ने कहा कि सुषमा के बहाने कांग्रेस जीएसटी बिल को रुकवाना चाहती है। कांग्रेस के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

    कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भाजपा पर सवाल दागते हुए कहा कि क्या वह उसके लिए माफी मांगेगी जो उसने पिछले पांच वर्षों में विपक्ष के रहते किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए उसने सदन को चलने नहीं दिया था। जीएसटी का विरोध लगातार पांच साल तक भाजपा ने किया था। हम जीएसटी के समर्थन में हैं। लेकिन प्रश्न जीएसटी का नही हैं। बीएसी में जीएसटी पर कुछ बताया ही नहीं गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सदन में गतिरोध का कारण प्रधानमंत्री का अहंकार है। उन्होंने कभी इस विपक्ष को गंभीरता से नहीं लिया है।

    इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस लोकतंत्र के मंदिर का मजाक उड़ा रही है। उनका कहना था कि ससंद लोकतंत्र का मंदिर है लेकिन कांग्रेस इसका कामकाज चलने नहीं दे रही है। इसके पीछे उनकी भावना यही है कि हम तो डूबेंगे सनम, लेकिन तुम्हें भी ले डूबेंगे। कांग्रेस द्वारा लोकसभा में हंगामा किए जाने पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि काग्रेस नहीं चाहती है कि जो वह सत्ता में वर्षों तक रहकर नहीं कर सकी वह भला हम कैसे करें। उनका कहना था कि इस बार कांग्रेस को महज 44 सीट मिली हैं अगली बार वह चार पर ही सिमट कर रह जाएगी। सदन में हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

    रविशंकर की कांग्रेस से अपील

    इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस से अपील की कि वह सदन को चलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने अहंकार के लिए सदन को चलने से कांग्रेस न रोके। जीएसटी बिल की उपयोगिता पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल देशहित में हैं। इस पर पहले भी इस बिल पर सिलेक्ट कमेटी में चर्चा हुई है और आज भी चर्चा होगी। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो अन्य पार्टियां भी कांग्रेस का साथ छोड़ सदन को चलने देना चाहती हैं।

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    सत्र खत्म होने में बचे सिर्फ तीन दिन

    गौरतलब है कि मानसून सत्र में अब सिर्फ तीन दिन ही शेष रह गए हैं। ऐसे में सरकार कुछ जरूरी बिलों को दाेनों सदनों में पास करवाने की कोशिश में है। इसके तहत आज सरकार की ओर से राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया जाना है। कांग्रेस जहां आज ललितगेट के मुद्दे पर एक बार फिर से स्थगन प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा में देगी वहीं समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जाति आधारित जनगणना को जारी करने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देगी। कल भी कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया था।

    कांग्रेस से अलग है सपा की राय

    लगातार सदन में हो रहे शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही लगातार ही स्थगित हो रही है। इससे नाराज सपा, एनसीपी समेत कुछ अन्य पार्टियों ने कल लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर अपनी राय रखी थी। सपा ने साफ कर दिया था कि वह चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले, ऐसे में यदि कांग्रेस हंगामा करती है तो वह उसका साथ नहीं देंगे। अभी तक कांग्रेस के साथ रहे अन्य दलों ने अब अपनी रणनीति बदल ली है। इसके बाद कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है। जब इस बारे में राहुल गांधी से सवाल किया गया तो वह इसे टाल गए। उन्होंने सिर्फ यही कहा कि अभी देखते हैं।

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