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    जी-रामजी योजना: सिर्फ इन महिलाओं को मिलेगा ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड, शिकायत के लिए क्या है प्लान? पूरी डिटेल

    By ARVIND SHARMAEdited By: Garima Singh
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 10:50 PM (IST)

    जी-रामजी योजना ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति ...और पढ़ें

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    ग्रामीण महिलाओं को रोजगार गारंटी कार्ड मिलेगा

    अरविंद शर्मा, जागरण। नई दिल्ली ग्रामीण भारत में रोजगार, सम्मान और सुरक्षा को एक साथ जोड़ने की मंशा से लाए गए विकसित भारत-जी-रामजी अधिनियम में महिलाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। इस कानून के तहत कुल लाभार्थियों में महिलाओं की कम से कम एक तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है।

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    यह प्रविधान सिर्फ घोषणा तक सीमित नहीं होगी, बल्कि पंजीकरण से लेकर काम आवंटन, पहचान, भुगतान, निगरानी और शिकायत निवारण तक पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से तय किया गया है। यदि इसका ईमानदारी से पालन हुआ तो जी-रामजी ग्रामीण महिलाओं के लिए सम्मानजनक और सुरक्षित रोजगार का मजबूत माडल बन सकता है।

    ग्रामीण महिलाओं को रोजगार गारंटी कार्ड मिलेगा

    अधिनियम के अनुसार ग्रामीण रोजगार गारंटी के लिए जब किसी परिवार का पंजीकरण होगा तो उसके सभी वयस्क सदस्यों के नाम दर्ज किए जाएंगे। पत्नी, बेटी या परिवार की मुखिया सबका नाम दर्ज करना होगा। उन्हें अलग से आवेदन देने या दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पंजीकरण की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत की होगी, जिससे अनावश्यक भाग-दौड़ नहीं करना पड़ेगा।

    अकेली रहने वाली महिलाओं के लिए अधिनियम में विशेष व्यवस्था है। विधवा, परित्यक्ता और अविवाहित महिलाओं को अलग से विशेष ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड जारी किए जाएंगे। इन कार्डों के आधार पर उन्हें काम देने में प्राथमिकता मिलेगी।

    महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा

    मकसद है कि उन्हें स्थायी आर्थिक सहारा मिल सके। इन विशेष कार्डों की वैधता तीन वर्ष की होगी। ग्राम पंचायतों को यह भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने क्षेत्र में रहने वाली ऐसी महिलाओं की पहचान करें, जो अकेली हैं या जिनके पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं है। उन्हें विशेष रोजगार गारंटी कार्ड उपलब्ध कराएं।

    महिला प्रधान परिवारों को भी प्राथमिकता दी गई है। ऐसे परिवारों को उन कार्यों में आगे रखा जाएगा, जिनसे भविष्य में आय के स्थायी साधन बन सकें। खेत तालाब, सिंचाई संरचनाएं, भूमि सुधार, आवास और बुनियादी ढांचे से जुड़े काम न केवल तत्काल मजदूरी देंगे, बल्कि लंबे समय तक लाभ पहुंचाने वाली संपत्तियां भी तैयार करेंगे।

    शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शामिल है

    इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। काम के पास पीने के पानी, शौचालय, विश्राम स्थल और बच्चों की देखभाल की व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है। इससे महिलाओं के लिए काम करना सुरक्षित और सुविधाजनक होगा और वे परिवार तथा रोजगार के बीच बेहतर संतुलन बना सकेंगी।

    मजदूरी भुगतान की व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी रखा गया है। मजदूरी सीधे महिला के बैंक या डाकघर खाते में भेजी जाएगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और महिलाओं को अपनी मेहनत की पूरी कमाई समय पर मिल सकेगी।

    शिकायत निवारण की भी व्यवस्था है। महिलाओं की शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। गांव, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था की गई है, ताकि सुनिश्चित हो सके कि महिलाओं की हिस्सेदारी किसी भी स्तर पर एक तिहाई से कम न हो।