ट्रंप-पुतिन की मीटिंग के बाद भारत ने उठाया ये बाद कदम, टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिली बड़ी छूट
ट्रंप टैरिफ को देखते हुए सरकार ने कपास आयात पर शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है। यह छूट 30 सितंबर तक रहेगी जिससे गारमेंट निर्यातकों को सस्ता कपास मिलेगा। अभी घरेलू बाजार में कपास की कीमत 57000 रुपये प्रति कैंडी है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 50-51 हजार रुपये है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्यातकों की लागत कम करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। सरकार ने काटन आयात पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। यह छूट आगामी 30 सितंबर तक मान्य होगी।
अभी काटन आयात पर बेसिक सीमा शुल्क व अन्य प्रकार के सेस को मिलाकर 11 प्रतिशत का शुल्क लगता है। 19 अगस्त से लेकर 30 सितंबर तक सभी शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। इससे गारमेंट निर्यातकों को सस्ते में काटन मिलेंगे जिससे उनकी लागत कम होगी।
काटन की कीमत 57,000 रुपए प्रति कैंडी
अभी घरेलू बाजार में काटन की कीमत 57,000 रुपए प्रति कैंडी है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में काटन की कीमत 50-51 हजार रुपए प्रति कैंडी चल रही है। गारमेंट निर्माण की कुल लागत में कच्चे माल की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होती है। हालांकि निर्यातकों का कहना है कि सरकार ने काफी कम समय के लिए यह राहत दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि अक्टूबर से काटन सीजन शुरू हो जाता है और 15 अक्टूबर तक नए काटन की सप्लाई बाजार में शुरू हो जाएगी जिससे घरेलू काटन की कीमत में नरमी आ जाएगी।
किसानों की आमदनी पर फर्क पड़ेगा- एक्सपर्ट
दूसरी तरफ कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि काटन आयात पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करने से किसानों की आमदनी पर फर्क पड़ सकता है। भारत मुख्य रूप से अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्राजील व अफ्रीका से काटन का आयात करता है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने बताया कि अमेरिका से काटन मंगाकर उससे निर्मित गारमेंट का अमेरिका में निर्यात किया जाता है तो अमेरिका की तरफ से लगाए जाने वाले शुल्क में आयातित काटन के मूल्य को नहीं जोड़ा जाएगा। इससे दो फायदे होंगे। घरेलू काटन के मुकाबले कम दाम पर काटन उपलब्ध होंगे। दूसरा अमेरिका की तरफ से लगने वाले शुल्क में थोड़ी राहत मिल जाएगी।
गत सात अगस्त से भारत के आइटम पर अमेरिका के बाजार में 25 प्रतिशत का शुल्क लग रहा है जबकि आगामी 27 अगस्त से यह शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। ऐसे में काटन आयात के शुल्क में कमी को निर्यातक राहत के रूप में देख रहे हैं। भारत का कुल गारमेंट निर्यात 16 अरब डालर का है और इनमें से छह अरब डालर का निर्यात अमेरिका के बाजार में किया जाता है। अमेरिका के गारमेंट बाजार में भारत का प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, वियतनाम, इंडोनेशिया व कंबोडिया जैसे देशों से है। 50 प्रतिशत का शुल्क लगने के बाद अमेरिका के बाजार में भारत का गारमेंट इन सभी देशों से अधिक महंगा हो जाएगा।
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