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    Dwarka Expressway Cost: कैग पर सरकार की सफाई, द्वारका एक्सप्रेस-वे में 12 प्रतिशत से अधिक की बचत

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 16 Aug 2023 11:44 PM (IST)

    सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में तथ्यों की खामी बताते हुए कहा कि लेखाकार ने गलत आकलन किया। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार द्वारका एक्सप्रेस-वे के सभी चार पैकेज के टेंडर औसत सिविल लागत पर 206.39 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर निकाले गए थे लेकिन बाद में करार कम दरों 181.94 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्धारित किया।

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    द्वारका एक्सप्रेस-वे में 12 प्रतिशत से अधिक की बचत (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, पीटीआई। सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में तथ्यों की खामी बताते हुए कहा कि लेखाकार ने गलत आकलन किया, क्योंकि वह अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 या द्वारका एक्सप्रेस-वे की असली लागत का पता नहीं लगा पाए, जबकि सरकार ने द्वारका एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 12 प्रतिशत से अधिक रकम की बचत की है।

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    मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, द्वारका एक्सप्रेस-वे के सभी चार पैकेज के टेंडर औसत सिविल लागत पर 206.39 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर निकाले गए थे, लेकिन बाद में करार कम दरों 181.94 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्धारित किया। इस लिहाज से एक्सप्रेस-वे के चारों पैकेज की औसत सिविल कंस्ट्रक्शन कास्ट अनुमानत लागत से 12 प्रतिशत से भी कम थी।

    सूत्रों का कहना है कि कैग ने सीधे तौर पर नेशनल कारिडोर एफीशियंसी प्रोग्राम के 91 हजार करोड़ रुपये की लागत को प्रोजेक्ट की कुल 5 हजार किमी की लंबाई से विभाजित कर दिया है।

    रिपोर्ट के अनुसार, कैग ने पाया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा के क्षेत्र के लिए एक एलीवेटेड कैरिजवे बनाने का निर्णय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने लिया। इसके चलते पहले इस परियोजना की अनुमानित लागत 18.2 करोड़ रुपये प्रति किमी थी, जो बढ़कर 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो गई है।

    जमकर हो रही राजनीति

    भारतमाला परियोजना के हाइवे प्रोजेक्ट के पहले चरण की आडिट रिपोर्ट के बाद जमकर राजनीति शुरू हो गई है और विपक्षी दलों ने सरकार पर प्रोजेक्ट देने में धांधली करने का आरोप लगाया है।

    इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने भ्रष्टाचार के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है।