केंद्र खत्म करेगा हज सब्सिडी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमन को बनी समिति
लगभग तीस साल के बाद सउदी अरब ने भारत से जाने वाले हज यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम मतों को लेकर हो रही होड़ के बीच हज यात्रियों की संख्या में की गई भारी बढ़ोत्तरी जहां भाजपा के प्रति अल्पसंख्यकों का रुख थोड़ा नरम कर सकता है। वहीं इसकी कोशिशें भी शुरू हो गई हैं कि यात्रियों के खर्च पर बड़ा बोझ डाले बिना हज सब्सिडी खत्म कर उसे अल्पसंख्यकों की शिक्षा पर खर्च किया जाए। इसके लिए एक समिति भी बना दी गई है।
लगभग तीस साल के बाद सउदी अरब ने भारत से जाने वाले हज यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी की है। लगभग 35 हजार की संख्या बढ़ाई है जो किसी भी देश के खाते में सबसे बड़े इजाफे में शामिल है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब देशों के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाए हैं। इसी क्रम में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जब सउदी सरकार के सामने प्रस्ताव रखा तो उनकी ओर से तत्काल हामी भर दी गई। नकवी ने बताया कि जिस तरह केंद्र सरकार ने हज की आनलाइन फाइलिंग शुरू की है उससे पारदर्शिता बढ़ी है और सउदी सरकार को भी यह भाया।
मोदी सरकार के बाद दोनों देशों में रिश्ते कितने मधुर हुए हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि भी सउदी के क्राउन प्रिंस ही होंगे। ऐसे में हज यात्रियों की संख्या में की गई बढ़ोत्तरी कितनी बड़ी उपलब्धि है इसका संकेत इसी से मिलता है कि मोदी सरकार के कटु आचोलक व सांसद असदुद्दीन ओवैसी को भी प्रशंसा करनी पड़ी।
बताते हैं कि सरकार इस बार हज यात्रियों की स्वास्थ्य और सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ साथ सब्सिडी खत्म करने पर विचार करने में भी जुट गई है। यह सब्सिडी सालाना लगभग 500 करोड़ रुपये होता है। खुद नकवी ने स्वीकारा कि यह विचार सरकार के ध्यानार्थ है और एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने आगे कुछ कहने से इनकार किया लेकिन बताते हैं कि सरकार सब्सिडी के इस पैसे को स्कालरशिप के रूप में उपयोग करना चाहती है ताकि उनके बीच शिक्षा बढ़े।
एक सवाल के जवाब में नकवी ने इससे इनकार किया कि सब्सिडी खत्म होने पर हज यात्रियों पर बड़ा बोझ आएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी रास्ते तलाशे जा रहे हैं। कोशिश होगी कि हवाई भाड़ा दुरुस्त किया जाए। पहली बार हज यात्रियों को हेल्थ कार्ड भी दिया जा सकता है ताकि वहां जरूरत होने पर तत्काल सही इलाज मुहैया हो सके। डाक्टरों की तादाद भी शायद अपेक्षाकृत ज्यादा होगी।