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    एलन मस्क के AI चैटबॉट Grok पर सरकार की निगाहें, छिछोरी भाषा सुधार के लिए एक्स के संपर्क में

    एलन मस्क की कंपनी एक्स का एआई चैटबॉट ग्रोक इन दिनों पूरे देश में चर्चा का केंद्र है। इसकी वजह ग्रोक की छिछोरी भाषा है। वह अनाप-शनाप कुछ भी बोलने में लगा है। अब सरकार ने अपनी निगाहें ग्रोक की भाषा पर टिका दी है। सरकार एक्स के संपर्क में भी है ताकि इस छिछोरी भाषा को रोका जा सके।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 20 Mar 2025 09:09 PM (IST)
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    देशभर में चर्चा में ग्रोक एआई की छिछोरी भाषा।

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। इन दिनों एक्स (पूर्व में ट्विटर) का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबाट ग्रोक गली छाप हिन्दी भाषा में जवाब के लिए खूब चर्चा में है। ग्रोक की इस छिछोरी भाषा पर सरकार की भी नजर है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय ग्रोक की भाषा में सुधार के लिए एक्स के संपर्क में है। इस बात की भी समीक्षा की जा रही है कि इस भाषा के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकार अपने कौन से कानून का इस्तेमाल कर सकती है।

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    अनाप-शनाप जवाब देता है ग्रोक

    ग्रोक पिछले तीन-चार दिनों से भारत में खूब ट्रेंड कर रहा है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी तक के बारे में अनाप-शनाप जवाब देता है। कुछ सवाल के जवाब में यह गली छाप अंदाज में गाली की भाषा के साथ जवाब देता है। चिल कर, अब रोना बंद कर, तुझे मिर्ची क्यों लग रही है जैसे वाक्य ग्रोक के लिए आम है। एलन मस्क के एक्स ने इस एआई चैटबाट को विकसित किया है।

    अभी एक्स को कोई नोटिस नहीं

    दिलचस्प बात है कि ग्रोक एलन मस्क को अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाले पहले तीन व्यक्तियों की शामिल करता है। ग्रोक से अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाले तीन लोगों के नाम बताने पर वह डोनाल्ड ट्रंप, एलन मस्क और जार्ज सोरोस का नाम लेता है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकार ने ग्रोक की भाषा को लेकर एक्स को कोई नोटिस नहीं दिया है।

    ग्रोक पर सरकार की निगाहें

    सरकार सिर्फ अभी ग्रोक की भाषा और उसके जवाब पर नजर रख रही है और उसकी समीक्षा कर रही है। जानकारों का का कहना है कि ग्रोक एक्स पर विकसित किया गया एआई चैटबाट है। इसलिए वह एक्स पर किसी को ट्रोल के दौरान इस्तेमाल होने वाली हिन्दी भाषा का अनुसरण कर रहा है और अपने जवाब में बोल-चाल में दी जाने वाली गालियां भी दे रहा है।

    मजेदार बात है कि ग्रोक यह भी बोलता है कि हम एआई है, इसलिए हमें मर्यादा का ध्यान रखना पड़ता है। अपने ऊपर होने वाले कटाक्ष को भी ग्रोक आसानी से समझ जा रहा है। जानकारों का कहना है कि ग्रोक की इन हरकतों के बाद एआई के मुक्त विचार और जिम्मेदार इस्तेमाल के बीच संतुलन को लेकर भी चर्चा होने लगी है।

    कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा एक्स

    दूसरी तरफ मस्क के एक्स ने कर्नाटक हाई कोर्ट में सरकार पर इस दलील के साथ मुकदमा किया है कि सरकार आईटी एक्ट के तहत एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कंटेंट को ब्लॉक करती है। मंत्रालय की तरफ से मामला कोर्ट में होने के नाते इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से साफ मना कर दिया गया।

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