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    ऑनलाइन शॉपिंग में डार्क पैटर्न पर सख्त हुई सरकार, सेल्स कंपनियों को 'अनुचित चालाकी' नहीं करने की दी हिदायत

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 02:13 AM (IST)

    आनलाइन शापिंग में डार्क पैटर्न पर सरकार सख्त हो गई है। उसने सेल्स कंपनियों को अनुचित चालाकी नहीं करने की हिदायत दी है। डार्क पैटर्न में ऐसे टूल्स होते हैं जिन्हें एग्जिट करना मुश्किल होता है। यह उपभोक्ता अधिनियम का उल्लंघन और कंपनियों की अनुचित चालाकी है। डार्क पैटर्न की घटनाओं की रिपोर्ट करने या फीडबैक देने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल किया जा सकता है।

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    ऑनलाइन शॉपिंग में डार्क पैटर्न पर सख्त हुई सरकार

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ऑनलाइन उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली कंपनियों पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। ऐसी कंपनियों को बिक्री के भ्रामक हथकंडों से परहेज करने के लिए कहा गया है। उपभोक्ता मंत्रालय ने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपभोक्ता की पसंद को परिवर्तित करने वाले नौ तरीके (डार्क पैटर्न) की पहचान करते हुए उन्हें परिभाषित भी किया है। सरकार ने कहा है कि दोषी कंपनियों पर कार्रवाई होगी।

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    उपभोक्ता की सोच को किया जा रहा प्रभावित

    मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि देश में इंटरनेट एवं स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ ऑनलाइन खरीदारी में तेजी आई है। ऐसे में चालाकी से उपभोक्ता की सोच को प्रभावित किया जा रहा है और उन्हें पसंद का निर्णय न ले पाने के लिए विवश किया जा रहा है। डार्क पैटर्न में ऐसे टूल्स होते हैं, जिन्हें एग्जिट करना मुश्किल होता है। यह उपभोक्ता अधिनियम का उल्लंघन और कंपनियों की 'अनुचित चालाकी' है।

    रोहित ने बताया कि हाल ही में यूरोपीय संघ (ईयू), यूएस और यूके जैसे देशों ने डार्क पैटर्न में शामिल कंपनियों पर कार्रवाई की है। मंत्रालय ने उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करने वाले जिन नौ हथकंडों की पहचान की है, वे इस प्रकार हैं...

    फाल्स अर्जेंसी : झूठ बोलकर उपभोक्ता पर दबाव बनाया जाता है कि कम कीमत वाले बहुत कम उत्पाद बचे हैं। अभी बुक नहीं किया गया तो दाम बढ़ जाएंगे।

    बास्केट स्नीकिंग: उपभोक्ता को बताए बिना शापिंग कार्ट में अतिरिक्त उत्पाद जोड़ दिया जाता है। बाद में इसे फाइनल बिल में जोड़ दिया जाता है।

    कन्फर्म शेमिंग: कई बार वेबसाइट पर जाने के बाद बाहर (एग्जिट) निकलना मुश्किल होता है। बार-बार मैसेज आता है '' आप सचमुच एग्जिट करना चाहते हैं? कई लोग इस प्रोडक्ट को देख रहे हैं।

    फो‌र्स्ड एक्शन: सर्विस या उत्पाद को जबरन क्लिक कराना और तबतक वेबसाइट या अकाउंट का एक्सेस नहीं देना, जबतक उपभोक्ता उत्पाद को चेक नहीं कर लेता है।

    नैगिंग: यूजर से एक ही बात तबतक पूछते रहना और विंडो सामने से न हटाना, जबतक वह ऊबकर खरीद न ले।

    सब्सक्रिप्शन ट्रैप्स: कई बार उपभोक्ता को सब्सक्रिप्शन को एग्जिट करने का विकल्प नहीं दिया जाता है। वह उलझकर रह जाता है।

    इंटरफेस इंटरफेरेंस: यह हथकंडा खरीद के लिए मजबूर करता है। कई बार सर्विस कैंसल करने या अकाउंट डिलीट करने का विकल्प नहीं मिलता है।

    बेट एंड स्वीच: कई बार आर्डर कुछ और डिलीवर कुछ और कर दिया जाता है। बहाना होता है स्टाक खत्म हो जाने का। दाम वही होता है, लेकिन क्वालिटी खराब होती है।

    हिडेन कास्ट: उत्पाद का प्रचार कम दाम में किया जाता है, लेकिन अंतिम कीमत अधिक होती है। ऐसा ओला-उबर या प्लेन के टिकटों में होता है।

    भ्रामक विज्ञापन: उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए कुछ उत्पाद को बेहतर बनाया जाता है, लेकिन वास्तव में वह निम्न कोटि का होता है।

    उपभोक्ता कर सकते हैं शिकायत

    डार्क पैटर्न की घटनाओं की रिपोर्ट करने या फीडबैक देने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) नंबर 1915 पर कॉल किया जा सकता है। उपभोक्ता 8800001915 नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सेल्स कंपनियों की ऐसी चालाकी की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं।