क्या 2 हजार रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? वित्त मंत्रालय ने किया साफ
केंद्र सरकार ने यूपीआई लेन-देन पर 2000 रुपये से अधिक पर जीएसटी लगाने की अफवाहों को खारिज किया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। सीबीडीटी ने 2020 से पी2एम यूपीआई लेन-देन पर एमडीआर हटा दिया था इसलिए जीएसटी का सवाल ही नहीं उठता। यह खबर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली नीतियों को रेखांकित करती है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इन अफवाहों को खारिज किया है कि सरकार 2,000 रुपये से अधिक यूपीआई लेन-देन पर जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है और जीएसटी लगाने की खबरें पूरी तरह से फर्जी हैं।
UPI लेन-देन पर कोई एमडीआर चार्ज नहीं
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने 30 दिसंबर, 2019 को जारी एक अधिसूचना के जरिये मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) पर पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) UPI लेन-देन पर एमडीआर हटा दिया था।
इस अधिसूचना जनवरी 2020 से लागू है। अब UPI लेन-देन पर कोई एमडीआर चार्ज नहीं किया जाता है, ऐसे में यूपीआइ लेन-देन पर जीएसटी भी नहीं लगेगा। पर्सन टू मर्चेंट यूपीआइ लेन-देन का मतलब है व्यापारी और ग्राहक के बीच किया गया ट्रांजैक्शन।
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