Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'बैकसीट ड्राइविंग तुरंत बंद कर दो', सरकार ने एअर इंडिया को दी क्लियर वॉर्निंग

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 08:24 AM (IST)

    अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद सरकार सख्त हो गई है। टाटा संस और एअर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के साथ बैठक में सरकार ने सुरक्षा पर सीधा असर डालने वाले विभागों में बैकसीट ड्राइविंग कल्चर को खत्म करने और फैसला लेने का अधिकार पद पर बैठे व्यक्ति को देने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने एअर इंडिया मैनेजमेंट के साथ उच्च स्तरीय चर्चा की।

    Hero Image
    सरकार ने एअर इंडिया को चेतावनी दी है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। टाटा संस और एअर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखर के साथ हुई बैठक में सरकार ने सख्त हिदायत देते हुए दो बड़े संदेश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहला- सुरक्षा पर सीधा असर डालने वाले प्रमुख एअर इंडिया डिपार्टमेंट में बैकसीट ड्राइविंग के कल्चर (पर्दे के पीछे फैसले लेने की संस्कृति) को तुरंत खत्म कर देना चाहिए। दूसरा- प्रमुख विभागों में पदों पर बैठे लोगों के पास फैसला लेना का अधिकार होना चाहिए, न कि जब चीजें खराब हों तो उन्हें केवल दोषी ठहराने के लिए। कई मामलों में फैसले कोई और ही ले रहा होता है, जबकि सीट पर कोई और बैठा होता है। यह व्यवस्था बेहद खतरनाक है और इसे तत्काल खत्म कर देना चाहिए।

    'पद किसी और के पास, फैसला कोई और लेता है'

    दरअसल, केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, सचिव समीर कुमार सिन्हा और डीजीसीए प्रमुख फैज अहमद किदवई ने शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को चंद्रशेखरन से मुलाकात की। इस दौरान सुरक्षा में सुधार के उपायों पर चर्चा की गई, जिस पर चंद्रशेखरन ने सहमति जताई है।

    मामले से जुड़े लोगों का कहना है, "सिक्योरिटी, ट्रेनिंग, मेंटिनेंस, इंजीनियरिंग और एकीकृत संचालन नियंत्रण केंद्र (आईओसीसी) जैसे कुछ विभाग समग्र संचालन को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कुछ विभागों में विरोधाभास की स्थिति है, जहां पद पर कोई और बैठा है और फैसला कोई और लेता है। इस समस्या का समाधान बेहद जरूरी है और हमें उम्मीद है कि ऐसा ही होगा।" इसी तरह की कुछ बातें हैं, जिन पर चंद्रशेखरन ने सहमति जताई है।

    तीन दिनों तक हुई हाई लेवल की चर्चा

    12 जून, 2025 को एअर इंडिया-171 दुर्घटना और उसके बाद हुई छोटी-मोटी घटनाओं के बाद, मंत्रालय सीईओ कैंपबेल विल्सन की अध्यक्षता में एअर इंडिया मैनेजमेंट साथ हाई लेवल की चर्चा कर रहा है। मामले पर तीन दिनों तक चर्चा की गई। 21 जून को डीजीसीए क्रू शेड्यूलिंग के प्रभारी एआई के तीन अधिकारियों को हटाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर क्रू शेड्यूलिंग में चूक जारी रही तो वह एअर इंडिया को बंद करने की हद तक जा सकता है।

    'दुर्घटनाग्रस्त विमानों के उपकरण रखना बंद हो'

    इसके अलावा 12 जून की दुर्घटना के बाद अधिकारियों की ओर से मैनेजमेंट को एक और बात जो बहुत ही सूक्ष्मता से बता है वो यह कि एअरलाइन अपने गुरुग्राम वाले ऑफिस में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमानों का सामान नहीं रखेगी। इस ऑफिस में सीटों, उपकरणों और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को प्रदर्शन के लिए रखा गया है। हालांकि इसका उद्देश्य सुरक्षा की जरूरत को याद दिलाना हो सकता है लेकिन बड़ी सख्या में कर्मचारी इसे नापसंद करते हैं।

    'एअर इंडिया के पास है सुनहरा मौका'

    एक सरकारी अधिकारी का कहना है, "टाटा और सिंगापुर एअरलाइन्स जैसे पार्टनर के साथ एअर इंडिया के पास खुद को फिर से स्थापित करने का मौका है। सरकार सभी एअरलाइनों की मदद करना चाहती है और एअर इंडिया को इस संकट से उबारने के लिए सहयोग भी कर रही है। आज भारत के पास एअर इंडिया और इंडिगो जैसे दो बड़े खिलाड़ी हैं, जो वैश्विक स्तर पर देश को गौरवान्वित करा सकते हैं, लेकिन उन्हें आंतरिक चुनौतियों से पार पाना होगा।"

    ये भी पढ़ें: अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद सुरक्षा पर सख्त हुई सरकार, एअर इंडिया और टाटा ग्रुप के साथ बैठकों का दौर जारी