पिछड़ा वर्ग को लेकर सत्ता और विपक्ष में भिड़ंत
समाज कल्याण मंत्री ने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाया..
नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछड़े वर्ग के लिए काम करने के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार और विपक्ष में भिड़ंत हो गई। सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने गुरुवार को 123वें संविधान संशोधन विधेयक पारित करने पर जोर दिया। यह विधेयक पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक हैसियत देने के लिए लाया गया है।
गहलोत ने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने ओबीसी पर सभी महत्वपूर्ण रिपोर्टो को दबा कर रखा। उन्होंने कहा, 'मैं इस विधेयक को शीघ्र पारित करने का आग्रह करता हूं। इससे आयोग गठित करने में मदद मिलेगी।' विधेयक में ओबीसी आयोग को भी एससी और एसटी आयोग के समान संवैधानिक शक्ति देने की मांग की गई है। इस कदम को भाजपा की अन्य पिछड़ी जातियों तक पहुंच बढ़ाने के आक्रामक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
मंत्री ने कांग्रेस पर काका कालेकर आयोग और मंडल आयोग की रिपोर्ट को लंबे समय तक दबाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा अन्य पिछड़ी जातियों के लिए भी कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार सारा श्रेय लूटने में जुटी है। उन्होंने सवाल किया, 'किसने मंडल आयोग किसने लाया? आप तो उसका विरोध कर रहे थे।'
कांग्रेस के ही राजीव सातव ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में सरकार ने कुछ भी नहीं किया। अब वह विधेयक ला रही है। बीजद के बी. महताब ने कहा कि यह विधेयक राज्यों से अधिकार ले लेगा। यह संघीय स्वरूप पर हमला है।
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