आज भारत लाए जा सकते हैं गोवा नाइटक्लब के मालिक लूथरा बंधु, हैंडओवर लेने के लिए गोवा पुलिस दिल्ली रवाना
गोवा के नाइटक्लब अग्निकांड के बाद भागे लूथरा बंधुओं को जल्द गोवा लाया जाएगा। गोवा पुलिस की टीम दिल्ली रवाना हो गई है, जहां केंद्रीय एजेंसियां उन्हें स ...और पढ़ें
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बुधवार को गोवा के मपुसा कोर्ट में आरोपितों की पेशी की संभावना (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोवा के नाइटक्लब अग्निकांड में 25 लोगों की मौत के बाद आनन फानन फुकेट भागे क्लब के मालिक लूथरा बंधुओं को जल्द गोवा लाया जाएगा। गोवा पुलिस ने स्पष्ट किया है कि एक विशेष पुलिस टीम सोमवार देर रात दिल्ली के लिए रवाना होगी, जहां केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लुथरा बंधुओं की औपचारिक कस्टडी गोवा पुलिस को सौंपी जाएगी।
तय कार्यक्रम के मुताबिक लूथरा बंधुओं को मंगलवार देर रात गोवा लाया जाएगा। इसके बाद अंजुना पुलिस स्टेशन में उनसे पूछताछ की जाएगी। 17 दिसंबर को आरोपितों को मपुसा कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है। इस बीच, गोवा सरकार ने वकीलों की एक विशेष टीम गठित की है, जो अदालत में मामले की प्रभावी रूप से पैरवी करेगी।
किन धाराओं में केस हुआ दर्ज?
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की सजा का प्रविधान है। मजबूत चार्जशीट तैयार करने के लिए जांच अधिकारियों ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ नियमों के उल्लंघन से जुड़े सभी सुबूत एकत्र कर लिए हैं।
उधर, थाईलैंड से लुथरा बंधुओं के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। शीर्ष सूत्रों के अनुसार, दोनों को जल्द दिल्ली भेजे जाने की संभावना है। भारतीय अधिकारियों ने थाई पक्ष को सभी आवश्यक दस्तावेज सौंप दिए हैं, जिनमें पासपोर्ट रद होने के बाद जारी आपातकालीन प्रमाणपत्र भी शामिल हैं।
अब केवल बैंकाक की स्थानीय अदालत में अंतिम कानूनी समीक्षा शेष है, जो थाई कानून के तहत अनिवार्य है।--इनसेट- हाई कोर्ट ने गोवा सरकार से जवाब तलब किया बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने सोमवार को गोवा नाइटक्लब हादसे के खिलाफ दायर सिविल मुकदमे को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए कहा कि हादसे के लिए किसी न किसी को तो जवाबदेह ठहराना ही होगा। कोर्ट ने गोवा सरकार को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने गोवा सरकार को दिए निर्देश
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और आशीष चव्हाण की पीठ ने कहा कि नाइटक्लब मामले में स्थानीय पंचायत स्वत: संज्ञान लेने में विफल साबित हुई और तमाम शिकायतों के बावजूद इसने कोई कार्रवाई नहीं की। पीठ ने कहा कि नाइटक्लब को गिराने के आदेश के बावजूद वहां कार्यक्रम चल रहे थे।
कोर्ट ने गोवा सरकार को नाइटक्लब को दी गई अनुमति पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया। आठ जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी। गौरतलब है कि इस मामले में नाइटक्लब की जमीन के मालिक प्रदीप घादी आमोनकर और सुनील दिवाकर ने मूल याचिका दायर की थी। याचिका में तमाम वैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नाइटक्लब संचालन की बात कही गई थी।

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