क्या है घोस्ट पेयरिंग फ्रॉड? जिससे हाकर्स आपके Whatsapp को बना रहे निशाना
साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप को निशाना बनाने का नया तरीका निकाला है, जिसे घोस्ट पेयरिंग कहा जाता है। ठग लिंक्ड डिवाइसेज फीचर का गलत इस्तेमाल कर अकाउंट ...और पढ़ें

व्हाट्सएप को निशाना बनाने का नया तरीका: घोस्ट पेयरिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप को निशाना बनाने का एक नया और खतरनाक तरीका निकाल लिया है। इसे घोस्ट पेयरिंग कहा जा रहा है।
इस फ्रॉड में ठग व्हाट्सएप के लिंक्ड डिवाइसेज फीचर का गलत इस्तेमाल कर यूजर के अकाउंट पर कब्जा कर लेते हैं। खास बात यह है कि इसमें न तो ओटीपी की जरूरत होती है और न ही पासवर्ड की।
कैसे काम करता है घोस्ट पेयरिंग फ्रॉड?
घोस्ट पेयरिंग में ठग एक फर्जी लिंक या QR कोड भेजते हैं। यूजर जैसे ही उस लिंक पर क्लिक करता है या QR कोड स्कैन करता है, हैकर का डिवाइस उसके व्हाट्सएप अकाउंट से लिंक हो जाता है। इसके बाद ठग बिना किसी अतिरिक्त अनुमति के मैसेज पढ़ सकते हैं, नए मैसेज भेज सकते हैं।
घोस्ट पेयरिंग फ्रॉड से कैसे बचे?
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यूजर समय-समय पर लिंक्ड डिवाइज सेक्शन चेक करें। इसके अलावा, कभी भी फर्जी लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी अज्ञात व्यक्ति से क्यूआर कोड स्कैन करें।

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