भारत के पास अगले साल तक होंगे 20 जेट इंजन, एचएएल चेयरमैन बोले- जनरल इलेक्ट्रिक कर चुकी है वादा
हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन डीके सुनील ने गुरुवार को विश्वास जताया कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक एमके-1ए लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की आपूर्ति बढ़ाएगी और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन डिलीवर किए जाने की उम्मीद है। जनरल इलेक्ट्रिक के शीर्ष प्रबंधन के साथ एचएएल की बैठक हुई है और वे नियमित रूप से काफी जानकारी साझा कर रहे हैं।

एएनआइ, नई दिल्ली। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन डीके सुनील ने गुरुवार को विश्वास जताया कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक एमके-1ए लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की आपूर्ति बढ़ाएगी और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन डिलीवर किए जाने की उम्मीद है।
तेजस लड़ाकू विमान में जीई-404 इंजन लगाया जाता है
जनरल इलेक्ट्रिक के शीर्ष प्रबंधन के साथ एचएएल की बैठक हुई है और वे नियमित रूप से काफी जानकारी साझा कर रहे हैं। जीई ने अगले साल 20 इंजन की आपूर्ति करने का वादा किया है। बताते चलें, तेजस लड़ाकू विमान में अमेरिकी कंपनी का जीई-404 इंजन लगाया जाता है।
डीके सुनील ने एक साक्षात्कार में कहा, हम उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं। जीई ने हमें एक साल में 12 इंजन देने का वादा किया था। लेकिन, शायद अब हमें वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे। इस साल हमें 10 मिल सकते हैं। बाकी मार्च तक मिल जाएंगे। हमने 10वां विमान पहले ही बना लिया है और 11वां विमान तैयार है। वह अब अपनी आपूर्ति श्रृंखला को ठीक कर रही है।
मौजूदा समस्याएं अब सुलझ गई हैं- कंपनी
उन्होंने कहा, मौजूदा समस्याएं अब सुलझ गई हैं। जीई के अधिकारी नियमित रूप से इंजन की स्थिति और समस्याओं के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि वे अब उत्पादन बढ़ाकर हमारी जरूरत पूरी कर सकेंगे।
एमके-2 लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांसीसी इंजन पर विचार नहीं
एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील ने कहा कि एमके-2 विमानों के लिए फ्रांसीसी इंजन पर कोई चर्चा नहीं हुई है और भारत का स्वदेशी रूप से विकसित किया गया उन्नत लड़ाकू विमान जीई-414 इंजन के अनुसार डिजाइन किया गया है।
उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत फ्रांसीसी इंजन पर विचार कर रहा है। कहा कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के साथ बातचीत उन्नत चरण में है। अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर टैरिफ लगाने से उत्पन्न गतिरोध का जीई के साथ बातचीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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