चंदन मिश्रा हत्याकांड: इस जेल में रची गई थी साजिश, कौन है शेरू सिंह, जिसने अपने खास गुर्गे को दी थी सुपारी?
पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में कोलकाता से मुख्य आरोपी सहित 10 लोग गिरफ्तार हुए। बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने हत्या की साजिश रची और कोलकाता से पकड़े गए शूटर तौसीफ रजा को सुपारी दी। बिहार और बंगाल एसटीएफ ने संयुक्त अभियान में शूटर तौसीफ रजा और उसके साथियों को कोलकाता के आनंदपुर से गिरफ्तार किया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। पटना के पारस अस्पताल में घुसकर सजायाफ्ता गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में कोलकाता के दो अलग-अलग ठिकानों से मुख्य आरोपित सहित 10 लोगों की शनिवार को गिरफ्तारी के बाद इस घटना का बंगाल कनेक्शन स्पष्ट हो गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने कथित तौर पर जेल से ही इस हत्या की साजिश रची थी और अपने एक खास गुर्गे यानी कोलकाता से पकड़े गए मुख्य शूटर तौसीफ रजा उर्फ बादशाह को इसकी सुपारी दी थी।
शेरू सिंह गिरोह है चंदन के मर्डर का आरोप
आपसी प्रतिद्वंद्विता में शेरू सिंह गिरोह पर ही चंदन मिश्रा की हत्या का आरोप है। काफी तलाशी के बाद बिहार और बंगाल एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में इस हत्याकांड के मुख्य आरोपित (शूटर) तौसीफ रजा और उसके तीन साथियों सहित पांच लोगों को शनिवार देर रात कोलकाता के आनंदपुर थाना इलाके में एक गेस्ट हाउस से दबोचा। इसमें तौसीफ के अलावा उसका सहयोगी निशु खान और दो अन्य शूटर के अलावा एक महिला भी शामिल है।
इससे पहले शनिवार तड़के बिहार और बंगाल एसटीएफ की टीम ने कोलकाता से सटे न्यूटाउन के शापुरजी में स्थित एक बहुमंजिला आवासीय परिसर से शूटरों को लाने ले जाने और पनाह देने वाले पांच संदिग्ध मददगारों को गिरफ्तार किया था।
हत्या में निशु खान की भी अहम भूमिका
इधर, हत्या की योजना में तौसीफ का खास सहयोगी निशु खान की भी अहम भूमिका बताई जा रही है। निशु खान, तौसीफ का ममेरा भाई बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि चंदन की हत्या की साजिश पटना के समनपुरा इलाके में निशु खान के आवास पर ही रची गई थी।
कैसे तौसीफ से हुई शेरू सिंह की दोस्ती?
बताया जा रहा है कि शेरू सिंह की शूटर तौसीफ के साथ दोस्ती पटना की बेऊर जेल में शुरू हुई थी। शुरुआत में तय हुआ था कि चंदन को जेल में ही मार दिया जाएगा, लेकिन योजना कामयाब नहीं हुई। फिर शेरू के आदेश पर चंदन के एक करीबी को अपने गिरोह में शामिल किया गया। फिर चंदन को पैरोल मिलने की खबर मिलते ही उसकी हत्या की योजना तैयार की गई।
चंदन के जेल से पैरोल पर रिहा होते ही शेरू ने तौसीफ से दोबारा संपर्क किया था। हत्या को अंजाम देने से पहले तौसीफ और उसके साथी पटना के समनपुरा पहुंचे और निशु के सहयोग से अस्पताल के पीछे एक अपार्टमेंट में डेरा डाला। वहीं से उन्होंने अस्पताल की रेकी की थी।
बिहार एसटीएफ ने इस मामले में शुक्रवार को पुरुलिया जेल में शेरू सिंह से गहन पूछताछ भी कर चुकी है।
ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले गई पुलिस
गिरफ्तार आरोपितों को कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में रविवार को पेश किया गया, जहां से 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर पटना पुलिस अपने साथ ले गई। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी। आरोपित गया होते हुए कोलकाता आए थे।
मालूम हो कि बक्सर जिले के निवासी चंदन मिश्रा की गुरुवार सुबह पटना के एक निजी अस्पताल के आइसीयू वार्ड में घुसकर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। चंदन मिश्रा हत्या के एक मामले में दोषी था और पैरोल पर बाहर आया था और अस्पताल में इलाज करा रहा था। उस पर 12 से ज़्यादा हत्याओं समेत 24 आपराधिक मामले दर्ज थे।
कभी चंदन का क्राइम पार्टनर था शेरू
शेरू कभी चंदन का क्राइम पार्टनर था और दोनों मिलकर गिरोह चलाते थे। बाद में किसी विवाद के कारण दोनों अलग हो गए और एक दूसरे के दुश्मन बन गए। बिहार और बंगाल एसटीएफ शेरू से आगे भी पूछताछ जारी रखेगी, ताकि इस साजिश के सभी पहलुओं और इसमें शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।
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