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Ganesh Chaturthi 2020: आज से गणेशोत्सव शुरू, जानिये- भगवान गणेश की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व

मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी त्यौहार मनाया जाता है। देशभर में आज से गणेशोत्सव की धूम है। घर-घर विध्नहर्ता विराजमान हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 07:51 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 01:58 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2020: आज से गणेशोत्सव शुरू, जानिये- भगवान गणेश की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व
Ganesh Chaturthi 2020: आज से गणेशोत्सव शुरू, जानिये- भगवान गणेश की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व

नई दिल्ली, जेएनएन। Ganesh chaturthi 2020 देशभर में आज से गणेशोत्सव का त्यौहार मनाया जा रहा है।लोग गणपति को घर लाकर विराजमान करने से लेकर उनके विसर्जन को भी धूमधाम से करते हैं। 10 दिन चलने वाले इस त्यौहार पर लोग अपने घरों में भगवान गणेश की स्थापना की है। गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक यानी दस दिनों तक चलता है। इसके बाद चतुर्दशी को इनका विसर्जन किया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को अत्यंत ही पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी का नाम किसी भी कार्य के लिए पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें 'प्रथमपूज्य' भी कहते हैं। वह गणों के स्वामी हैं, इस वजह से उनका एक नाम गणपति भी है। इसके अलावा हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 22 अगस्त से मनाया जा रहा है।

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh chaturthi 2020 Shubh Muhurat)

पूर्वाह्न 11.07 से दोपहर 01. 42 मिनट तक

दूसरा शाम 4.23 से 7. 22 मिनट तक

रात में 9.12 मिनट से 11. 23 मिनट तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय – 8:47 रात से 9:22 रात तक

चतुर्थी तिथि आरंभ – 21 अगस्त की रात 11:02 बजे से।

चतुर्थी तिथि समाप्त : 22 अगस्त की रात 7:56 बजे तक।

 गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan)

1 सितंबर 2020 दिन मंगलवार

कैसे करें भगवान गणेश की स्थापना?

भगवान गणेश की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न में की जाती है। माना जाता है कि गणपति का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। हालांकि, इस दिन चंद्रमा देखना भी वर्जित है। गणेश जी की स्थापना की विधि इस प्रकार है:

- आप चाहें तो बाजार से लाकर या फिर अपने हाथों से बनाई हुई गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।

- गणेश जी की स्थापना करने से पहले स्नान कर लें और साफ धुले हुए वस्त्र धारण कर लें। 

- इसके बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुंह कर आसन पर बैठ जाएं।

- ध्यान रहे कि आसन कटा-फटा न हो। साथ ही पत्थर के आसन का प्रयोग न करें।

- इसके बाद भगवान गणपति की प्रतिमा को कसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।

- गणपति जी की प्रतिमा के दाएं और बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रखें। 

गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh chaturthi 2020 Puja Vidhi)

-भगवान गणेश की पूजा के लिए पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा आदि सामग्री घर ले आएं।

-भगवान की पूजा करें और लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें। 

- जिस स्थल पर प्रतिमा विराजमान करनी है, उसे साफ करें। गंगाजल डाल कर पवित्र करें। 

- भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विराजमान करें। 

- धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। ध्यान रखें कि जब तक गणेश जी आपके घर में रहेंगे तब तक अखंड दीपक जलाकर रखें। 

- गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं। 

- फिर चावल, दुर्वा घास और पुष्प अर्पित करें। 

- गणेश जी का स्मरण कर गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ करें।

- इसके बाद ॐ गं गणपते नमः का जप करें। 

- भगवान गणेश की आरती करें। 

- आरती के बाद गणेश जी को फल या मिठाई आदि का भोग लगाएं। संभव हो तो मोदक का भोग जरूर लगाएं। भगवान गणेश को मोदक प्रिय हैं। 

- रात्रि जागरण करें।

 - गणेश जी को जब तक अपने घर में रखें, उन्हें अकेला न छोड़ें। कोई न कोई व्यक्ति हर समय गणेश जी की प्रतिमा के पास रहे। 

गणेश जी को क्या क्या चढ़ाएं (Ganesh Chaturthi 2020 Bhog)

चावल,सिंदूर, केसर, हल्दी, चन्दन,मौली औऱ लौंग जरुर चढ़ाएं, पूजा में दूर्वा का काफी महत्व है। कहा जाता है कि इसके बिना गणेश पूजा पूरी नहीं होती है। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। गणेश जी के पास पांच लड्डू रखकर बाकी बांट देने चाहिए।

इस मंत्र का करें जाप

घर में अगर गणेश जी की स्थापना हो रही है तो इस बात का ध्यान रखे की गणपति की आरती सुबह औऱ शाम दोनों पहर होनी चाहिए। गणेश जी की कथा और गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें और “ओम् गं गणपतये नमः” मंत्र की एक माला का जाप करना चाहिए।

गणेश चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन ना करें

गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि में चंद्रमा के दर्शन न करें। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। 22 तारीख को रात्रि में चंद्रमा के दर्शन करने से मिथ्या कलंक लग सकता है।

इस उत्सव की शुरुआत आप अपने प्रियजनों को बधाई संदेश भेजने के साथ कर सकते हैं।

गणेश जी का रूप निराला है

चेहरा भी कितना भोला भला है

जिसे भी आती है कोई मुसीबत

उसे इन्ही ने तो संभाला है 

गणेश चतुर्थी की बधाई 

सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,

तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी

रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी

करो ऐसी कृपा नित करूं मैं पूजा तेरी 

गणेश चतुर्थी की बधाई  

आते बड़े धूमधाम से गणपति जी

जाते बड़े धूमधाम से गणपति जी

आखिर सबसे पहले आकर

हमारे दिलों में बस जाते गणपति जी 

गणेश चतुर्थी की बधाई  


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