Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mission Gaganyaan : इसरो के पूर्व अध्यक्ष बोले- Test Vehicle D1 Mission की सफल लॉन्चिंग भारत के लिए मील का पत्थर

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 21 Oct 2023 05:55 PM (IST)

    गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट का शनिवार को इसरो ने सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इस टेस्ट फ्लाइट के जरिए क्रू एस्केप मॉड्यूल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। अब इस पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर का बयान सामने आया है।

    Hero Image
    इसरो ने मिशन गगननान के टेस्ट फ्लाइट का किया सफलतापूर्वक परीक्षण

    एएनआई, तिरुअनंतपुरम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि इसरो के मिशन गगनयान की सफल मानव रहित परीक्षण उड़ान आने वाले समय में इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के भारत के कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए जी माधवन नायर ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि इसरो का टीवी-डी1 मिशन आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।

    क्या है टेस्ट फ्लाइट का मकसद?

    गौरतलब है कि आज की परीक्षण उड़ान (टेस्ट व्हीकल डी1 मिशन) का मकसद इसके क्रू मॉड्यूल के आपातकालीन बचाव प्रणाली का परीक्षण करना था। टेस्ट व्हीकल डी 1 मिशन को सुबह 10 बजे लॉन्च किया गया। इससे पहले, आठ बजे और आठ बजकर 45 मिनट पर इसकी लॉन्चिंग को रद करना पड़ा था।

    यह भी पढ़ें: Video: गगनयान मिशन की टेस्ट फ्लाइट रही सफल, Crew Escape Module की बंगाल की खाड़ी में हुई सॉफ्ट लैंडिंग

    खराब मौसम के कारण लॉन्चिंग में हुई देरी

    इसरो के पूर्व अध्यक्ष नायर के मुताबिक, श्रीहरिकोटा में खराब मौसम के कारण लॉन्चिंग में करीब 40 मिनट की देरी हुई। इसके बाद स्वचालित प्रक्षेपण प्रणाली में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। हालांकि, सुबह 10 बजे तक सभी तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया।

    जीएसएलवी रॉकेट प्रणाली का हिस्सा है प्रक्षेपण यान

    पूर्व इसरो प्रमुख ने प्रक्षेपण यान के बारे में बताया कि यह जीएसएलवी रॉकेट प्रणाली का हिस्सा है। आज की उड़ान मैन कैप्सूल को लगभग 10 किलोमीटर की ऊंचाई और ध्वनि के वेग से 1.2 गुना अधिक वेग तक ले गई है। उसी समय क्रू मॉड्यूल को रॉकेट प्रणाली के एक सेट का उपयोग करके मूल वाहन से बाहर निकाल गया और बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग के लिए एक अलग प्रक्षेपवक्र के माध्यम से ले जाया गया।

    माधवन नायर ने कहा कि जहां तक मेरी समझ है, टीवी- डी1 मिशन को अंतिम समय में कुछ गड़बड़ी के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। यदि इनमें से किसी भी सिस्टम में कोई विसंगति देखी जाती है तो कम्प्यूटर स्वचालित रूप से लॉन्च को रोक देगा और मिशन को फेल होने से बचा लेगा।

    यह भी पढ़ें: 'इसरो का कोई विज्ञानी करोड़पति नहीं' माधवन नायर बोले- सामान्य और संयमित जीवन जीते हैं साइंटिस्ट

    इसरो प्रमुख ने वैज्ञानिकों को दी बधाई

    इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने वैज्ञानिकों को क्रू एस्केप मॉड्यूल की सफल लैंडिंग पर बधाई दी है। इस मौके पर मिशन के निदेशक एस शिवकुमार ने कहा कि यह पहले कभी न किए गए प्रयास की तरह है। यह एक साथ रखे गए तीन प्रयोगों के गुलदस्ते की तरह है।

    भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला बनेगा चौथा देश 

    गगन परियोजना के जरिए इसरो ने तीन सदस्यीय एक दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में भेजने और फिर उन्हें समुद्र में उतारकर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाने की योजना बनाई है। अगर यह कार्यक्रम सफल होता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।