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    'हमास चीफ की मौत से पहले हुई थी मुलाकात...' नितिन गडकरी ने सुनाई पूरी कहानी

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:04 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक किताब लॉन्च के दौरान खुलासा किया कि वह हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की हत्या से पहले उनसे मिले थे। गडकरी प्रध ...और पढ़ें

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    गडकरी ने हमास नेता इस्माइल हानिया से मुलाकात की थी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक किताब लॉन्च के दौरान चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वह हाल के सालों में मिडिल ईस्ट की सबसे हाई-प्रोफाइल हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की हत्या से पहले उनसे मिले थे।

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    गडकरी ने बताया कि उस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर नए चुने गए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने ईरान गए थे।

    हानियेह से हुई थी मुलाकात

    गडकरी ने बताया कि वह तेहरान के एक फाइव-स्टार होटल में मौजूद थे, जहां कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े अधिकारी चाय-कॉफी पर अनौपचारिक रूप से इकट्ठा हुए थे।

    उन्होंने कहा, 'वहां पर विभिन्न देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे, लेकिन एक व्यक्ति जो राष्ट्राध्यक्ष नहीं था, वह हमास नेता इस्माइल हानिया थे। मैं उनसे मिला। मैंने उन्हें राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस के साथ शपथ ग्रहण समारोह में जाते देखा।'

    कब हुई थी हानियेह की हत्या?

    गडकरी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद वह अपने होटल लौट आए, लेकिन सुबह करीब 4 बजे के करीब भारत में ईरान के राजदूत उनके पास आए और कहा कि उन्हें निकलना होगा। उन्होंने पूछा कि क्या हुआ तो राजदूत ने बताया कि हमास प्रमुख की हत्या कर दी गई।

    ईरानी अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि यह हत्या 31 जुलाई को सुबह करीब 1:15 बजे हुई थी। हानिया इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की देखरेख में एक बहुत ही सुरक्षित मिलिट्री कॉम्प्लेक्स में रह रहे थे। इस हमले में उनके बॉडीगार्ड की भी मौत हो गई थी।

    जांच में अब तक क्या आया सामने?

    गडकरी ने बताया कि आज भी इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि हानिया की हत्या कैसे हुई? उन्होंने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि उनकी हत्या मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की वजह से हुई। कुछ कहते हैं कि यह किसी और तरीके से हुआ।'

    क्या है मोसाद थ्योरी?

    टेलीग्राफ रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की खुफिया एजेंसी 'मोसाद' ने हनियेह के ठहरने वाली बिल्डिंग के अंदर विस्फोटक लगाने के लिए इजरायली सुरक्षा एजेंटों को शामिल किया था।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल योजना मई में तेहरान की पिछली यात्रा के दौरान हानिया की हत्या करने की थी, जब वह पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

    बताया जाता है कि भीड़ की वजह से उस ऑपरेशन को अंजाम नहीं दिया जा सका, क्योंकि अधिकारियों को डर था कि इससे पकड़े जाने का खतरा बढ़ जाएगा।