इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के नाम पर 5 लाख रुपये की ठगी, पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ दर्ज किया केस
इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के नाम का गलत इस्तेमाल करके 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में बेंगलुरु के मल्लेश्वरम के एक पुजारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। दरअसल दो मामलों में दो अलग-अलग महिलाओं के खिलाफ दर्ज मामले में जांच करने के दौरान भेद खुला कि दोनों घोटालों के पीछे कुमार ही मास्टरमाइंड थे।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के नाम का गलत इस्तेमाल करके 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में बेंगलुरु के मल्लेश्वरम के एक पुजारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। इस 34 वर्षीय पुजारी की पहचान अरुण कुमार के तौर पर हुई है। दरअसल, पुजारी ने कैलिफोर्निया में कन्नड़ कूटा के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मूर्ति की उपस्थिति का झूठा भरोसा दिलाया था।
पुजारी निकला मास्टरमाइंड
जयनगर पुलिस द्वारा साइबर अपराध का मामला दर्ज करने के बाद ही आरोपी कुमार को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, दो मामलों में दो अलग-अलग महिलाओं के खिलाफ दर्ज मामले में जांच करने के दौरान भेद खुला कि दोनों घोटालों के पीछे कुमार ही मास्टरमाइंड थे।
आरोपियों ने कबूल किया अपराध
कुमार ने उत्तरी कैलिफोर्निया के कन्नड़ कूटा के एक समूह से 5 लाख रुपये की ठगी की और आश्वासन दिया कि मूर्ति उनकी 50वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगी। मूर्ति को मुख्य अतिथि बताने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद यह घटना सामने आई। कुमार ने आयोजकों के साथ धोखाधड़ी करने और अग्रिम राशि के रूप में 5 लाख रुपये इकट्ठा करने की बात कबूल की है।
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दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज
इससे पहले घोटाले में, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति के नाम और तस्वीर का उपयोग करके लोगों को धोखा देने के आरोप में बेंगलुरु में दो महिलाओं पर मामला दर्ज किया गया था। मूर्ति की कार्यकारी सहायक ममता संजय द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद उन पर मामला दर्ज किया गया। आरोपियों की पहचान लावण्या और श्रुति के रूप में हुई।
150 से अधिक किताबें लिख चुकी हैं मूर्ति
मूर्ति 150 से अधिक पुस्तकों के प्रसिद्ध लेखक, परोपकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति से शादी की है। समाज में इन सभी शक्तिशाली पदों पर रहने के बावजूद, वह अपनी विनम्रता के लिए जानी जाती हैं। उनकी सादगी उनके रोजमर्रा के हाव-भाव से झलकती है।
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