सबरीमाला मंदिर में सोना चोरी के मामले में पूर्व अधिकारी ने छिपाई ये बात, SIT ने किया गिरफ्तार
सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में एसआईटी ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार किया। उन पर मूर्तियों पर सोने की परत को छिपाने का आरोप है, उन्होंने मंदिर के दस्तावेजों में इसे कॉपर शीट बताया। कुमार को तिरुवनंतपुरम में क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। एसआईटी ने वासुदेवन से भी पूछताछ की और पोट्टी के रिश्तेदार के घर से सोना जब्त किया।

सबरीमाला मंदिर में सोना चोरी का मामला। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने की जांच कर रही एसआईटी ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि सुधीश कुमार 2019 में मंदिर के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर थे। उनको तिरुवनंतपुरम में क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने यह बात छिपाई कि द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ी हुई थी, बल्कि मंदिर के आधिकारिक दस्तावेज में उन्हें कॉपर शीट के तौर पर दर्ज किया।
एसआईटी ने सुधीश कुमार को क्यों किया गिरफ्तार?
सूत्रों ने बताया कि कुमार 1990 के दशक से सबरीमाला से जुड़े थे और उन्हें पता था कि 1998-99 के दौरान द्वारपालक की मूर्तियों समेत पवित्र जगह पर सोने की परत चढ़ाई गई थी। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि जब 2019 में द्वारपालक प्लेटें मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गोल्ड प्लेटिंग के लिए दी गईं, तो कुमार ने कथित तौर पर उन्हें कॉपर प्लेट के तौर पर डॉक्यूमेंट किया, जिससे आरोपी बाद में मौजूदा गोल्ड प्लेटिंग को हटा सके।
मामले में तीसरी गिरफ्तारी
सुधीश इस मामले में गिरफ्तार होने वाले तीसरे व्यक्ति हैं, उनसे पहले पोट्टी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि कुमार को बाद में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस बीच, एसआईटी ने पोट्टी के करीबी वासुदेवन से भी पूछताछ की।
जांच अधिकारियों ने कहा कि वासुदेवन ने द्वारपालक की मूर्तियों का अतिरिक्त सोने से मढ़ा हुआ पेडस्टल अपने पास रखा था, जिसे बाद में पिछले महीने तिरुवनंतपुरम में पोट्टी के रिश्तेदार के घर से जब्त किया गया था। एसआईटी द्वारपालक की मूर्तियों और श्रीकोविल (पवित्र स्थान) के दरवाजों के फ्रेम से सोने के नुकसान से जुड़े दो संबंधित मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को दिया गया था।

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