न्यायिक हिरासत में भेजे गए सबरीमाला मंदिर के पूर्व अधिकारी, सोना गायब होने के मामले में एक्शन
केरल के सबरीमाला मंदिर से सोना गायब होने के मामले में अदालत ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एसआईटी ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अधिकारी को अदालत में पेश किया था। पूर्व कार्यकारी अधिकारी डी सुधीश कुमार से भी पूछताछ की गई। उन पर सोने की परत चढ़ी मूर्तियों को तांबे की चादरों के रूप में दिखाने का आरोप है। टीडीबी ने स्वर्ण आवरण कार्य से जुड़े दस्तावेज एसआईटी को सौंपे हैं।

न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था (फोटो: पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में मंदिर से सोना गायब होने के मामले में अदालत ने सबरीमाला मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारी को दोपहर में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था।
इससे पहले, अदालत ने पूछताछ के लिए एसआईटी को पूर्व अधिकारी की रिमांड सौंपी थी। अधिकारी ने बताया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिरुअनंतपुरम विशेष जेल भेज दिया गया। इस बीच, एसआईटी ने तिरुअनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में सबरीमाला के पूर्व कार्यकारी अधिकारी डी सुधीश कुमार से पूछताछ की।
मूर्तियां और चौखटें सोने की परत चढ़ी हुई थीं
उन पर तथ्य छिपाने का आरोप है कि द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियां और चौखटें सोने की परत चढ़ी हुई थीं। उन्होंने आधिकारिक अभिलेखों में उन्हें तांबे की चादरों के रूप में सूचीबद्ध किया। मामले में नामित टीडीबी के अन्य अधिकारियों से आने वाले दिनों में पूछताछ की जाएगी।
इसके अलावा, टीडीबी ने 1998-1999 में श्रीकोविल (गर्भगृह) में किए गए स्वर्ण आवरण कार्य से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों का पता लगाया है। कथित तौर पर, दस्तावेजों में किए गए कार्य और प्रक्रिया में इस्तेमाल किए गए सोने की मात्रा का विवरण दिया गया है। टीडीबी के एक अधिकारी ने बताया कि दस्तावेज एसआइटी को सौंप दिए गए हैं।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।