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    RBI के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को मिली बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2 नियुक्त

    Updated: Sat, 22 Feb 2025 08:30 PM (IST)

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उनके सेवानिवृति के करीब दो महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है। आदेश के अनुसार यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। नियुक्ति प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यकाल जितनी रहेगी।

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    शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। (फोटो सोर्स- एएनआई)

    एएनआई, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर डॉ शक्तिकांत दास को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उनके सेवानिवृति के करीब दो महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। ये नियुक्ति अगले आदेश तक रहेगी। इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है।

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    आदेश के अनुसार यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यकाल जितनी रहेगी। वहीं, ये नियुक्ति उस समय तक प्रभावी रहेगी जब तक कोई नया आदेश ना आ जाए।

    कौन हैं शक्तिकांत दास?

    शक्तिकांत दास का जन्म 1957 में ओडिशा में हुआ था और उनकी शिक्षा-दीक्षा बहुत अच्छी रही है। उन्होंने इतिहास में स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है। शक्तिकांत दास 2015 से 2017 तक आर्थिक मामलों के सचिव रहे. साल 2018 में वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 25 वें गवर्नर बने और दो महीने पहले ही इस पद से रिटायर हुए थे।

    उन्होंने ने G20 में भारत के शेरपा के रूप में कार्य किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष , G20 और BRICS जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

    आरबीआई गवर्नर रहते हुए उन्होंने जिस तरह से कोरोना महामारी के दौरान भारत की मौद्रिक नीति का संचालन किया और भारत के आर्थिक परिदृश्य को मजबूत बनाया, उसे विश्वभर में सराहा गया। आरबीआई गवर्नर से पहले बतौर वित्त सचिव डॉ दास ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के मोदी सरकार की तरफ से फैसले को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। शक्तिकांत दास ने 42 वर्षों से अधिक वर्षों तक सिविल सेवक के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने भारत के जी20 शेरपा और 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी सेवाएं दी हैं।

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