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    Manmohan Singh Video: 'माना तेरी दीद के काबिल नहीं हूं...' जब संसद में सुषमा से बोले थे मनमोहन; खूब बजी थी तालियां

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 08:16 AM (IST)

    डॉ. मनमोहन सिंह का 91 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। वह अर्थशास्त्र के प्रख्यात विद्वान थे। डॉ. सिंह को शायरियों का काफी शौक थे। 15वीं लोकसभा के दौरान उन्हें संसद में जुगलबंदी के लिए तत्कालीन नेता विपक्ष सुषमा स्वराज के रूप में एक सहयोगी मिला। दोनों की शायरियों पर संसद में खूब तालियां बजती थीं। इनके वीडियो अक्सर वायरल होते हैं।

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    विपक्ष को जवाब देने के लिए डॉ. सिंह शायरी का भरपूर इस्तेमाल करते थे (फोटो: स्क्रीनग्रैब)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। पीवी नरसिंहा राव की सरकार के दौरान भारत के आर्थिक सुधारों का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। अर्थशास्त्र पर मनमोहन सिंह की जितनी अच्छी पकड़ थी, शायद ही किसी और की हो।

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    लेकिन अर्थशास्त्र के अलावा भी डॉ. मनमोहन सिंह की एक क्षेत्र में रुचि थी। वह शायरी के बेहद शौकीन थे। मनमोहन सिंह भले ही कम बोलते थे, लेकिन जब बोलते थे, तो उनके एक-एक शब्द के मायने होते थे।

    मनमोहन को पसंद थी शायरी

    संसद में मनमोहन सिंह जब भी अपना संबोधन देते थे, उसमें शायरी जरूर होती थी। विपक्ष को जवाब देने के लिए डॉ. सिंह शायरी का भरपूर इस्तेमाल करते थे। लोकसभा में तत्कालीन नेता विपक्ष और भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज से उनकी शायरी पर खूब जुगलबंदी होती थी।

    मनमोहन सिंह को पसंद थी शायरी

    (फोटो: रॉयटर्स)

    ये वो दौर था, जब संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आज की तरह तलवारें खिंची हुई नहीं होती थी। मनमोहन की शायरी पर दोनों तरफ से खूब तालियां बजती थीं। उस दौर के उनके कई वीडियो काफी वायरल भी होते हैं।

    जब सुषमा से हुई जुगलबंदी

    15वीं लोकसभा में डॉ. सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे। उस समय सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता विपक्ष हुआ करती थीं। दोनों संसद में अपने संबोधन के दौरान शायरी का खूब इस्तेमाल करते थे। मार्च 2011 में संसद में विकिलीक्स पर खूब हंगामा हुआ था।

    कांग्रेस पर आरोप लगा था कि उसने 2008 के विश्वास मत के दौरान सांसदों को रिश्वत दी थी। इस पर सुषमा स्वराज ने डॉ. सिंह पर हमला बोलते हुए शहाब जाफ़री की लाइनें पढ़ीं- तू इधर उधर की बात मत कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा, हमें रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है।

    सुषमा के आरोपों पर डॉ. मनमोहन सिंह ने भी शायरी से जवाब दिया। उन्होंने अल्लामा इक़बाल की लाइनें पढ़ते हुए कहा- माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं. तू मेरा शौक देख मेरा इंतजार देख।

    अभिभाषण पर चर्चा के दौरान शायरी

    दोनों नेताओं के बीच एक और मौका 2013 में आया। जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने शायरी का इस्तेमाल किया। मिर्जा गालिब की शायरी का इस्तेमाल करते हुए डॉ. सिंह ने कहा- हमें उनसे वफा की उम्मीद है, जो नहीं जानते कि वफा क्या है।

    इस पर सुषमा स्वराज ने दो शायरियों से जवाब दिया। पहला शेर बशीर बद्र का था- कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होते। वहीं दूसरा शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा- तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं। जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।

    2019 में हुआ था सुषमा का निधन

    • सुषमा स्वराज का निधन 2019 में हो गया था।
    • डॉ. सिंह ने उन्हें महान सांसद और प्रतिभाशाली केंद्रीय मंत्री बताया था।
    • डॉ. सिंह का निधन गुरुवार को 91 वर्ष की उम्र में हो गया।

    यह भी पढ़ें: 'मैंने क्या किया, क्या नहीं, फैसला करना इतिहास का काम'; 2014 में पीएम पद छोड़ने से पहले मनमोहन सिंह ने कही थी ये बात

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