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विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाक पर निशाना, कहा- सार्क में हैं कुछ खास समस्याएं, बिम्सटेक में संभावनाएं

भारत के नए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पहली पब्लिक मीटिंग में भारत की नई विदेश नीति को लेकर कई बड़े ऐलान किए।एस जयशंकर ने सार्क से लेकर पाकिस्तान और चीन पर भी निशाना साधा।

By ShashankpEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 03:15 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 10:41 PM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाक पर निशाना, कहा-  सार्क में हैं कुछ खास समस्याएं, बिम्सटेक में संभावनाएं
विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाक पर निशाना, कहा- सार्क में हैं कुछ खास समस्याएं, बिम्सटेक में संभावनाएं

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के नए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार ने पहली बार खुले मंच से इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधा है। उन्होंने बगैर नाम लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत बिम्सटेक देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर देगा, क्योंकि सार्क को लेकर कुछ खास समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) में समस्याएं हैं, तो बिम्सटेक में संभावनाएं।

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विदेश मंत्री ने एक सेमिनार में कहा कि पड़ोसी देशों और अन्य क्षेत्रों में विकासात्मक प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन उनकी प्राथमिकताओं में होगा। विदेशी मंत्री का पद संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में जयशंकर ने कहा कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता होने जा रही है और बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती देशों का संगठन)आर्थिक समृद्धि और क्षेत्रीय एकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। दक्षिण एशिया दुनिया का ऐसा क्षेत्र है जहां आपस की कनेक्टिविटी सबसे खराब है।

जयशंकर ने कहा कि बिम्सटेक एक सकारात्मक ऊर्जा का साक्षी बना रहा है। इसका लाभ उठाने के लिए भारत ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रित करने का फैसला किया था। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड वार से भारत के लिए बेहतर अवसर पैदा हुआ है।

पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'सार्क के साथ कुछ खास दिक्कतें हैं जिसे हम सभी जानते हैं। अगर आप आतंकवाद के मुद्दे को अलग भी कर देते हैं तो कनेक्टिविटी के मुद्दे हैं, व्यापार के मुद्दे हैं।'

पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार आतंकवाद को मिल रहे समर्थन का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत का स्पष्ट मत है कि मौजूदा हालात में सार्क सम्मेलन को जारी रखना बहुत कठिन है। पिछला सार्क सम्मेलन 2014 में काठमांडू में हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए थे। 2016 में सार्क सम्मेलन इस्लामाबाद में होना था। लेकिन उसी साल 18 सितंबर को उरी में भारतीय सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद भारत ने उसका बहिष्कार किया था। भारत के समर्थन में बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा भी बहिष्कार किए जाने के बाद सार्क सम्मेलन को ही रद करना पड़ा था। भारत पिछले कुछ वर्षो से बिम्सटेक को बढ़ावा दे रहा है। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल है।

दुनिया में भारत का कद बढ़ा 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि देश के लोगों ने यह माना है कि पिछले पांच साल के दौरान दुनिया में भारत का कद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक संतुलन आकार ले रहा है और चीन का उदय और कुछ हद तक भारत का उदय इसका सबसे सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति का उसकी सत्ता में वापसी में बहुत अहम योगदान रहा है।

मोदी सरकार ने गरीबों में भी उम्मीद जगाई
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच साल के दौरान समाज के सबसे कम आय वाले व्यक्ति में भी उम्मीद जगाई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजग के पिछले कार्यकाल की दूरंदेशता ने युवाओं की अपेक्षाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया। 

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