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    'तहव्वुर राणा को बिरयानी देने की जरूरत नहीं...', भड़क उठे 26/11 के हीरो; बोले- तुरंत फांसी दो

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 10:56 AM (IST)

    मुंबई के चाय वाला जिसे छोटू उर्फ ​​मोहम्मद तौफीक ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान लोगों की जान बचाई थी। उन्होंने तहव्वुर राणा को फांसी की बात कही है। उन्होंने कहा कि राणा को कसाब की तरह खास जेल बिरयानी और वैसी सुविधाएं मुहैया कराने की कोई जरूरत नहीं है। ​​मोहम्मद तौफीक ने कहा-इसे सीधा फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।

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    तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा

    एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। उसके भारत में कदम रखने से पहले लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। 26/11 अटैक के एक हीरो ने कहा, ‘भारत को उसे आतंकी कसाब की तरह खास जेल, बिरयानी या और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है। ये बात मोहम्मद तौफीक ने बोली है।

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    मुंबई में एक 'चाय वाले' हैं, जिन्हें 'छोटू' उर्फ मोहम्मद तौफीक के नाम से जाना जाता है। उन्हें मुंबई आतंकी हमले 26/11 के हीरो के तौर पर पहचान मिली है। मोहम्मद तौफीक ने हमलों में कई लोगों की जान बचाई थी।

    'आतंकवादियों के लिए हो अलग कानून'

    मोहम्मद तौफीक ने कहा 

    भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और वैसी सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है।उन्होंने यह भी मांग की कि आतंकवादियों से निपटने के लिए अलग कानून होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उन्हें 2-3 महीने में फांसी हो जाए।

    बता दें राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है। हमले में सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए थे। अब भारत में तहव्वुर पर मुकदमा चलाया जाएगा।

    US में राणा की याचिका खारिज हो गई थी

    7 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा की भारत में उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। राणा ने 20 मार्च, 2025 को मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसमें उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की गई।

    सोमवार, 7 अप्रैल को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया, 'मुख्य न्यायाधीश को संबोधित और न्यायालय को संदर्भित स्थगन के लिए आवेदन अस्वीकार किया जाता है।

    26 नवंबर 2008 को हुआ था आतंकी हमला

    मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला नवंबर 2008 के घातक हमलों के बाद दिल्ली में एनआईए द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।

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