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    निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आयकर बिल 2025, जानें क्या-कुछ है खास?

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 03:39 PM (IST)

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में नया आयकर बिल 2025 पेश किया जो आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा। पिछले हफ्ते लोकसभा में पेश होने के बाद स्थगित हो गई थी इसलिए आज इसे फिर से सदन में रखा गया। सरकार ने कमेटी के सुझावों पर कुछ बदलाव किए हैं। संसदीय मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि यह पुराने बिल से बिल्कुल अलग होगा।

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    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। फोटो - पीटीआई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में नया आयकर बिल 2025 (Revised Income Tax Bill, 2025) पेश किया है। पिछले हफ्ते बिल लोकसभा में पेश किया गया था। हालांकि,लोकसभा स्थगित हो गई थी। आज (11 अगस्त) को वित्त मंत्री फिर से लोकसभा के पटल पर बिल रखा है।

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    यह नया बिल आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) की जगह लेगा। इससे पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री ने बिल सदन में पेश किया था, मगर सदन की कार्रवाई स्थगित होने के कारण उन्हें बिल वापस लेना पड़ा।

    आयकर बिल क्यों वापस लिया गया?

    आयकर बिल वापस लेने के बाद सरकार ने कमेटी के सुझावों पर इसमें कुछ बदलाव किए हैं, जिसके बाद आज इसे फिर से सदन में पेश किया गया है। इसपर बात करते हुए संसदीय मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा-

    यह माना जा सकता है कि आयकर बिल अब पूरी तरह से नया होगा। इसपर काफी काम किया गया है। यह पुराने बिल से बिल्कुल अलग होगा।

    लोकसभा चयन समिति की अध्यक्षता करने वाले बीजेपी नेता बैजयंत पांडा ने आयकर बिल में 285 सुझाव दिए हैं, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है। आयकर से जुड़े पुराने बिल को लेकर काफी कन्फ्यूजन है, इसलिए अब इसका नया वर्जन पेश किया गया है।

    कमेटी ने दिए थे सुझाव

    बता दें कि सेलेक्ट कमेटी ने 21 जुलाई को आयकर बिल पर सुझाव पेश किए थे, जिन्हें नए बिल में शामिल किया गया है। इनमें कानून की भाषा को आसान बनाना, ड्राफ्टिंग, फ्रेज को सही तरीके से लगाने और क्रॉस रिफ्रेंसिंग जैसे बदलाव शामिल हो सकते हैं। आयकर बिल में पैनल ने कुछ बड़े बदलावों के सुझाव दिए थे।

    1. टैक्स रिफंड

    पिछले बिल में प्रावधान था कि अगर आयकर रिटर्न तय समयसीमा पर फाइल न किया गया तो रिफंड नहीं मिलेगा। पैनल ने इस प्रावधान को हटाने का सुझाव दिया था।

    2. इंटर-कॉर्पोरेट डिविडेंड्स

    आयकर अधिनियम का सेक्शन 80M के तहत कुछ कंपनियों को अंतर-कॉर्पोरेट लाभांश (Inter-Corporate Dividends) देने की बात करता है। शुक्रवार को पेश किए गए बिल में यह प्रावशान शामिल नहीं था, इस बिल को सरकार ने वापस ले लिया था।

    3. शून्य TDS प्रमाण पत्र

    आयकर बिल पर बनी कमेटी ने टैक्स जमा करने वालों को शून्य TDS प्रमाण पत्र (NIL TDS Certificate) देने का सुझाव दिया था।

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