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    भारत में पांच प्रतिशत महिलाओं ने निकलवाया गर्भाशय, आंध्र प्रदेश में हुए सबसे ज्यादा ऑपरेशन

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 11:30 PM (IST)

    भारत में हुई एक रिसर्च में पता चला है कि देश की करीब पांच प्रतिशत महिलाएं हिस्टेरेक्टॉमी से गुजर चुकी हैं। इन आकड़ों ने लोगों को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट में पता चलता है कि 25-49 वर्ष की आयु की महिलाओं में हिस्टेरेक्टामी का प्रचलन 4.8 प्रतिशत है जो बेहद चिंता की बात हो सकती है। इस संबंध में आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑपरेशन हुए हैं।

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    भारत में पांच प्रतिशत महिलाओं ने निकलवाया गर्भाशय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में लगभग पांच प्रतिशत महिलाएं हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन) करा चुकी हैं। ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्त्राव सबसे आम समस्या रही। यह जानकारी वर्ष 2015-16 के दौरान एकत्रित आंकड़ों के विश्लेषण से मिली।

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    अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, मुंबई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली के शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के चौथे चरण के दौरान एकत्र किए गए 25-49 वर्ष की आयु की 4.5 लाख से अधिक ग्रामीण और शहरी महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया।

    अध्ययन में सामने आई जानकारी

    जर्नल आफ मेडिकल एविडेंस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि 25-49 वर्ष की आयु की महिलाओं में हिस्टेरेक्टामी का प्रचलन 4.8 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि 25-49 वर्ष की आयु की प्रत्येक 100 भारतीय महिलाओं में से लगभग पांच ने हिस्टेरेक्टामी कराई। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं में अन्य व्यवसायों में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में इस ऑपरेशन से गुजरने की आशंका 32 प्रतिशत अधिक थी।

    किन राज्यों में ऐसी महिलाओं की संख्या ज्यादा

    इसके अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों में हिस्टेरेक्टामी की दरें अधिक पाई गईं। ये राज्य भारत में अनावश्यक हिस्टेरेक्टोमी के लिए बहस का केंद्र रहे हैं। अध्ययन में बिहार, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सर्जरी की उच्च संख्या और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में प्रजनन आयु की महिलाओं के बीच उच्च स्तर के स्वास्थ्य बीमा कवरेज की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि देशभर में गर्भाशय निकलवाने का लगभग दो-तिहाई ऑपरेशन निजी क्लीनिक या अस्पतालों में किया गया, जिससे पता चलता है कि इस बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे लाभ कमाने की मंशा भी कारक हो सकती है।

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