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    राजस्‍थान में कांग्रेस की लड़ाई भाजपा के लिए कर रही है जीत का रास्‍ता साफ, जानें- क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

    पायलट बनाम गहलोत के बीच की लड़ाई आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी। जानकार मानते हैं कि इस जंग का सीधा फायदा भाजपा को होगा। राज्‍य का राजनीतिक इतिहास भी इसकी तरफ इशारा कर रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 02 Oct 2022 02:42 PM (IST)
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    गहलोत और पायलट की जंग से हो सकता है पार्टी को नुकसान

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। राजस्‍थान में जारी कांग्रेस की लड़ाई पार्टी नेतृत्‍व के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई है। आलम ये है कि 3 वर्षों से ज्‍यादा लंबे समय से जारी इस लड़ाई को सुलझाने में पार्टी नेतृत्‍व पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। राज्‍य के सीएम अशोक गहलोत और उप मुख्‍यमंत्री सचिन पायलट के बीच की जंग बार-बार दिल्‍ली में दस्‍तक देती रही है। अब ये लड़ाई जहां कांग्रेस की आगामी विधानसभा चुनाव में हार का संकेत दे रही है वहीं भाजपा के लिए जीत के रास्‍ते भी साफ कर रही है। जानकारों का कहना है कि राज्‍य का राजनीतिक इतिहास और मौजूदा राजनीतिक तस्‍वीर दोनों ही इसका साफ संकेत दे रही हैं।

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    क्‍या कहते हैं जानकार

    वरिष्‍ठ राजनीतिक विश्‍लेषक प्रदीप सिंह का कहना है कि कांग्रेस की अंदरुणी लड़ाई भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली है। उनके मुताबिक पार्टी के अंदर सरकार बनने से पहले से ये लड़ाई चल रही है। उनके मुताबिक जिस तरह से सीएम अशोक गहलोत ने अपनी मंशा को जगजाहिर कर दिया है उससे ये स्‍पष्‍ट हो चुका है कि अंदरखाने दोनों नेताओं और इनके समर्थकों के बीच एक गहरी खाई बन चुकी है।

    पार्टी नेतृत्‍व के लिए मुश्किल टास्‍क

    इस खाई को पाटना पार्टी के लिए लगभग नामुमकिन टास्‍क है। प्रदीप के मुताबिक पार्टी के जो हाल हैं उसको देखते हुए आने वाले चुनावों में उसकी बुरी गत होने वाली है। कांग्रेस के अंदर जारी इस जंग का सीधा फायदा भाजपा को होना तय है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि आगामी चुनाव में दोनों धड़े एक दूसरे के खिलाफ काम करते दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में भाजपा को फायदा होना निश्चित है।

    गहलोत की मंशा साफ 

    गौरतलब है कि अशोक गहलोत ये साफ कर चुके हैं कि वो किसी भी कीमत पर सचिन पायलट को सीएम नहीं बनने देंगे। उनका कहना है कि एक समय में सचिन पार्टी छोड़ने का मन बना चुके थे। ऐसे में उन्‍हें राज्‍य की कमान नहीं दी जा सकती है। गहलोत के समर्थक भी अब पूरी तरह से सचिन पायलट के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं। इन विधायकों का कहना है कि यदि सचिन पायलट को पार्टी नेतृत्‍व ने राज्‍य की कमान सौंपी तो वो सामूहिक इस्‍तीफा देने के लिए भी तैयार हैं।  

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