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    Lord Meghnad Desai: अर्थशास्त्री और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य... कौन थे लॉर्ड मेघनाद देसाई? 2008 में मिला था पद्म भूषण

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 11:18 PM (IST)

    ब्रिटिश संसद के सदस्य और भारतीय मूल के अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मार्क्सवादी अर्थशास्त्र राजनीतिक अर्थशास्त्र मौद्रिक नीति और आर्थिक इतिहास जैसे विषयों पर अध्ययन किया। देसाई को 2008 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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    मशहूर अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई का निधन। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल के अर्थशास्त्री और यूनाइटेड किंगडम की संसद के ऊपरी सदन, हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई का मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे।

    मेघनाद जगदीशचंद्र देसाई का जन्म 1940 में वडोदरा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। वे अपने दो भाइयों और एक बहन के साथ भारत में पले-बढ़े। कहा जाता है कि उन्होंने 14 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी और उसके बाद मुंबई विश्वविद्यालय से जुड़े रामनारायण रुइया कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की।

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    इसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग से इसी विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उन्होंने नई शैक्षणिक चुनौतियों की तलाश की और इसी उद्देश्य से उन्हें 1960 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति मिली, जहां उन्होंने तीन साल बाद अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की।

    भारतीय आर्थिक सुधारों पर लिखे कई अध्ययन

    देसाई मार्क्सवादी अर्थशास्त्र, राजनीतिक अर्थशास्त्र, मौद्रिक नीति और आर्थिक इतिहास के छात्र थे। उनका शोध पांच दशकों तक कई विषयों पर रहा, जिसमें विकास और मार्क्सवादी अर्थशास्त्र पर निजी क्षेत्र और राज्य का प्रभाव शामिल है। उन्होंने भारतीय आर्थिक सुधारों पर कई अध्ययन भी लिखे और वैश्वीकरण एवं उदारीकरण के प्रभावों पर शोध किया।

    देसाई ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में वैश्विक शासन अध्ययन केंद्र की स्थापना की, जो LSE का विकास अध्ययन कार्यक्रम है और वे मानव विकास सूचकांक के रचनाकारों में से एक थे।

    ब्रिटिश लेबर पार्टी के बने सदस्य

    देसाई ने लिखा है कि 1968-1969 में पश्चिमी दुनिया भर में छात्र विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के दौरान उनकी राजनीतिक ऊर्जा और विचारों को केंद्रबिंदु मिलना शुरू हुआ। देसाई ब्रिटिश लेबर पार्टी के सक्रिय सदस्य बन गए, जहां उन्होंने 1986 से 1992 तक अध्यक्ष के रूप में काम किया। 1991 में उन्हें लेबर पार्टी के सदस्य के रूप में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में नियुक्त किया गया।

    अपने अध्यक्ष पद के आखिरी सालों में, देसाई को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ओर से वेस्टमिंस्टर शहर में सेंट क्लेमेंट डेन्स के बैरन देसाई के रूप में आजीवन सहकर्मी नियुक्त किया गया। लगभग पांच दशकों के जुड़ाव के बाद, उन्होंने 2020 में यहूदी-विरोधी भावना का हवाला देते हुए लेबर पार्टी छोड़ दी।

    2008 में मिला पद्म भूषण

    उन्हें 2008 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देसाई के निधन पर शोक व्यक्त किया।

    पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "प्रतिष्ठित विचारक, लेखक और अर्थशास्त्री श्री मेघनाद देसाई जी के निधन से व्यथित हूं। वे हमेशा भारत और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे। उन्होंने भारत-ब्रिटेन संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में भी भूमिका निभाई।" प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें देसाई के साथ हुई बातचीत याद रहेगी, जहां उन्होंने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए थे।

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