सरकारी कर्मचारियों की अविवाहित बेटियों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, सरकार ने दी जानकारी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु के बाद अविवाहित विधवा या तलाकशुदा बेटियां पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होंगी यदि वे मृत्यु के समय उस व्यक्ति पर आश्रित थीं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचित नियमों में यह प्रावधान है। रेलवे और रक्षा कर्मचारियों के लिए भी ऐसे ही नियम हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सरकारी कर्मचारियों की मौत के बाद अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियां निर्धारित शर्तों के अधीन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र रहेंगी, बशर्ते कि मृत्यु के समय वह उस शख्स पर आश्रित हों।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखित उत्तर में कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 और उसके बाद जारी 26 अक्टूबर 2022 के कार्यालय ज्ञापन में विभिन्न प्रविधान शामिल किए गए हैं।
समान प्रविधान प्रदान किए गए
उन्होंने कहा कि रेलवे और रक्षा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अलग-अलग नियमों के तहत समान प्रविधान प्रदान किए गए हैं। नियम के अनुसार, अगर किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की पत्नी या पुत्र जीवित न हो या वे पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता की शर्तें पूरी नहीं कर पाते हैं, तो पारिवारिक पेंशन अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा पुत्री को दी जाएगी या देय रहेगी।
मंत्री ने कहा कि पेंशन तब तक जारी रहेगी जब तक कि उसकी शादी नहीं हो जाती या पुनर्विवाह नहीं हो जाता या वह अपनी आजीविका कमाना शुरू नहीं कर देती, जो भी पहले हो, बशर्ते कि अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी अपने माता-पिता पर तब निर्भर थी जब वह जीवित थे।
1.2 करोड़ से अधिक जन शिकायतें प्राप्त हुईं
लोकसभा को दी गई जानकारी में कहा गया कि 2020-25 के दौरान एक समर्पित सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों के विरुद्ध 1.2 करोड़ से अधिक जन शिकायतें प्राप्त हुईं। केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) नागरिकों को सरकारी विभागों के विरुद्ध आनलाइन शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करती है।
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