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    दिल्ली में प्रदूषण का कहर: आई ड्रॉप, मास्क और नेबुलाइजर की बिक्री में भारी उछाल

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 02:12 AM (IST)

    दिल्ली में ठंड और प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है, जिससे आई ड्रॉप, मास्क और नेबुलाइजर की बिक्री बढ़ गई है। क ...और पढ़ें

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    दिल्ली में प्रदूषण ने बढ़ाई इन चीजों की मांग।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्दियों की ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन, लालिमा और सांस लेने में परेशानी हो रही है। ऐसे में दिल्ली के अंदर मेडिकल स्टोर पर आई ड्रॉप, मास्क और नेबुलाइजर की बिक्री में तेजी आई है।

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    केमिस्टों का कहना है कि दिल्ली में हर साल बढ़ते प्रदूषण की वजह से आंखों की देखभाल और सांस से जुड़ी बीमारियों के प्रोडक्ट्स और दवाओं की डिमांड बढ़ जाती है। लुटियंस दिल्ली में केमिस्ट्स के सुरेश ने कहा, "जब भी प्रदूषण का लेवल बढ़ता है तो आई ड्रॉप्स, नेजल स्प्रे और मास्क की बिक्री में साफ तौर पर बढ़ोतरी होती है।

    लगातार बढ़ रही आई डॉप्स की मांग

    वे आमतौर पर देखते हैं कि खांसी की सिरप सबसे ज्यादा बिकती हैं, लेकिन इस मौसम में आई ड्रॉप्स ज्दाया तेजी से बिक रही हैं। आरएमएल हॉस्पिटल के पास राम फार्मेसी में काम करने वाले केमिस्ट श्रवण ने बताया कि आजकल लोग आंखों में जलन और लालिमा की शिकायत लेकर ज्यादा आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "आई ड्रॉप्स, स्टीम इनहेलेशन इंस्ट्रूमेंट्स और नेजल स्प्रे सामान्य से कहीं ज्यादा बिक रहे हैं और इनकी डिमांड में काफी बढ़ोतरी हुई है।"

    राजकमल केमिस्ट्स के अमित गुप्ता ने कहा कि ठंडे मौसम और प्रदूषण के कारण होने वाला सूखापन आई ड्रॉप की बिक्री में बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण है। उन्होंने कहा, "आई ड्रॉप्स और नेजल स्प्रे की कीमतों में आसानी से 10 से 15 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। इस मौसम में तेज ठंड और प्रदूषण के कारण आंखें जल्दी सूख जाती हैं।"

    दिल्ली ड्रग ट्रेडर्स एसोसिएशन का कहना है कि यह मौसमी ट्रेंड जाना-पहचाना है। यूनियन के जनरल सेक्रेटरी आशीष दवराज ने कहा, "हर साल, जैसे ही सर्दी आती है और प्रदूषण का लेवल बढ़ता है, हम आई ड्रॉप, मास्क और उनसे जुड़ी चीजों की बिक्री में मौसमी बढ़ोतरी देखते हैं।" उन्होंने कहा कि इस दौरान आई ड्रॉप्स लगातार सबसे ज्यादा डिमांड वाली चीजों में से एक होती हैं।

    ग्राहकों का क्या कहना है?

    ग्राहक यह भी कहते हैं कि फार्मेसी में उनके चक्कर काफी बढ़ गए हैं। 24 साल के अमित ने एक फार्मेसी के बाहर खड़े होकर कहा, "पहले, एक घर के लिए एक दवा काफी होती थी। अब हम बुजुर्गों के लिए आई ड्रॉप्स, स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए मास्क और अपने लिए टैबलेट खरीद रहे हैं।" एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि हॉस्पिटल जाने में बहुत खर्च होता है, इसलिए हम फार्मेसी जाते हैं और दवाओं और घरेलू नुस्खों से खुद ही इलाज करने की कोशिश करते हैं।

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