'यह हर देश की सरकार का दायित्व', अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों पर जयशंकर ने क्या-क्या कहा?
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के मुद्दे पर आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका की आव्रजन व सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा वर्ष 2012 में तय प्रक्रिया में भेजे जाने वाले व्यक्तियों को नियंत्रण में (हथकड़ी व बेड़ियों) में रखने की व्यवस्था है। जयशंकर ने बताया कि वर्ष 2009 से अभी तक 15668 भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी सैन्य जहाज से अमेरिका में अवैध तरीके से रहने वाले 104 भारतीयों को भेजने को लेकर पहली बार भारत सरकार ने आधिकारिक तौर जानकारी दी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अमेरिका से निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है, बल्कि इसके तहत वर्ष 2009 से अभी तक 15,668 भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है। विदेश में अवैध तौर पर रहने वाले अपने नागरिकों को वापस लेना हर देश की सरकार का दायित्व है। भारत सरकार अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रही है कि निर्वासित लोगों के साथ उड़ान में किसी तरह का दुर्व्यवहार ना हो।
कई सवालों के नहीं मिले जवाब
- उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि देश की एजेंसियां अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों और इन्हें मदद करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जयशंकर का यह बयान सरकार की स्थिति तो स्पष्ट करती है लेकिन इसके बावजूद कई सवालों का जवाब नहीं मिल पाया है।
- विपक्ष की तरफ से इस प्रकरण को लेकर कई सवाल उठाए, जिस पर जयशंकर ने कुछ नहीं कहा। साथ ही जिस तरह से अमेरिकी बॉर्डर पुलिस के प्रमुख माइकल डब्लू बैंक्स ने सोशल मीडिया पर हाथों में हथकडी व पैरों में बेड़ी डाल कर विमान में ले जाते हुए भारतीयों की जो वीडियो डाली है, उस पर भी भारत सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
- यह भी नहीं स्पष्ट किया कि क्या ब्राजील, कोलंबिया, अलसल्वाडोर की सरकारों की तरह भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों को इस तरह से भेजे जाने पर विरोध किया है या नहीं। क्या पीएम नरेन्द्र मोदी अगले हफ्ते की अपनी संभावित अमेरिका यात्रा में इस मुद्दे को उठाएंगे, इसके बारे में भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।
विदेश मंत्री ने रखा पक्ष
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, 'वैध आवागमन को प्रोत्साहित करना और अवैध प्रवास को रोकना हमारे सामूहिक हित में है। हमारे नागरिक जो अवैध रूप से आवागमन में संलिप्त रहते हैं वे स्वयं कई तरह के अपराधों के शिकार हो जाते हैं। इस क्रम में वे कई अमानवीय परिस्थितियों के शिकार हो जाते हैं। अगर वे अवैध तौर पर रहते हुए पाए जाते हैं, तो यह सभी देशों का नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपने नागरिकों को वापस लें। यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक समान्य सिद्धांत हैं।'
विदेश मंत्री ने वर्ष 2009 से अमेरिका से अवैध प्रवास करने वाले भारतीयों को भेजे जाने का रिकॉर्ड भी दिया। इसके मुताबिक सबसे ज्यादा वर्ष 2019 (2042) और वर्ष 2020 (1889) में वापस भेजे गये हैं। इन्हें किस तरह से भेजा जाता है इसको लेकर अमेरिका की आव्रजन व सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा वर्ष 2012 में प्रक्रिया तय किया गया था।
हथकड़ी से बांधने की वजह
- इसके तहत ही भेजे जाने वाले व्यक्तियों को नियंत्रण में (हथकड़ी व बेड़ियों) में रखने की व्यवस्था है। महिलाओं और बच्चों को इस नियंत्रण की परिभाषा से अलग रखा गया है। अमेरिकी सैन्य जहाज या अमेरिकी चार्टर्ड विमान से भेजे जाने की एक समान ही प्रक्रिया है।
- 04 फरवरी, 2025 को 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का जो सैन्य विमान अमृतसर के विमान अड्डे पर उतरा है, उसमें भी उक्त प्रक्रिया का ही पालन किया गया है। जयशंकर ने कहा कि, 'अमेरिकी सरकार के साथ बात कर रहे हैं, ताकि निर्वासित लोगों के साथ उड़ान में किसी तरह का दुर्व्यवहार ना हो। साथ ही हमारा ध्यान वैध यात्रा के लिए वीजा को आसान बनाने के लिए अवैध प्रवासन पर सख्ती से कार्रवाई करने पर होना चाहिए।
- विदेश मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वापस भेजे गये भारतीयों को राजनयिक मदद दी गई थी, तो उनका जवाब था कि जिन लोगों ने मांगा था, उन्हें दी गई। कई मामलों में नहीं मांगा गया। लेकिन हर मामले में हमने यह सुनिश्चित किया कि वह भारतीय ही हैं। इन लोगों की वापसी के बाद सरकारी अधिकारी उनसे मुलाकात कर रहे हैं।
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