'GST में कटौती का एक्सपोर्टर्स को मिलेगा फायदा', पीयूष गोयल ने जगाई उम्मीद; बोले- 'अमेरिकी टैरिफ से...'
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन जल्द ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। बजट में घोषित इस मिशन के तहत निर्यातकों को कम ब्याज दर पर लोन और बाजार विकास के लिए इंसेंटिव दिए जा सकते हैं। जीएसटी दरों में कटौती से निर्यातकों को घरेलू कारोबार में मदद मिलेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को बताया कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए जल्द ही एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की घोषणा चालू वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में हुई थी। इसके तहत निर्यातकों को कम ब्याज दर पर लोन देने के साथ बाजार व उत्पाद के विकास के लिए इंसेंटिव देने का प्रविधान किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सैकड़ों वस्तुओं की जीएसटी दरों में कटौती से वैश्विक परिस्थितियों के कारण दबाव में आए निर्यातकों को घरेलू स्तर पर कारोबार करने में मदद मिलेगी। इसका कारण है कि जीएसटी में कटौती से घरेलू स्तर पर काफी मांग निकलने वाली है और इससे मैन्यूफैक्चरिंग व रोजगार दोनों में बढ़ोतरी होगी।
वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी
गोयल ने बताया कि खिलौना, फुटवियर और गारमेंट जैसे रोजगारपरक सेक्टर के कच्चे माल पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है, जिससे इन वस्तुओं की लागत में कमी आएगी। इससे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। जीएसटी में कटौती का अमेरिकी टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं है और इसकी प्रक्रिया पहले से चल रही थी।
यह वर्ष उपभोक्ता और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए खास रहने वाला है। पहले इनकम टैक्स में कटौती की गई और अब जीएसटी की दरों में। इससे उपभोक्ता के हाथ में अतिरिक्त पैसा आएगा और वे ज्यादा खर्च कर सकेंगे। महंगाई भी अभी बिल्कुल नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत ने जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने का भरोसा दिया है और इस संबंध में उनसे बात की गई है।
पिछले वर्ष से अधिक निर्यात का भरोसा जताया
गोयल ने भरोसा जताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा निर्यात को मिलाकर भारत का कुल निर्यात पिछले वित्त वर्ष से अधिक रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 825 अरब डालर का निर्यात किया था।
अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क के कारण निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए नए बाजार की तलाश और निर्यात बास्केट में नए उत्पाद लाने के साथ दुनिया के विभिन्न देशों से मुक्त व्यापार समझौता किया जा रहा है। अगले सप्ताह यूरोपीय संघ के प्रमुख भारत आ रहे हैं जिनके साथ व्यापार समझौते पर बात होगी।
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