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    मोर सहवास करता है या नहीं, जानिए पक्षी वैज्ञानी क्‍या बोल रहे?

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Fri, 02 Jun 2017 03:17 PM (IST)

    राष्ट्रीय पक्षी मोर भी अन्य पक्षियों की तरह मोरनी से सहवास कर प्रजनन करता है। आंसू पीकर गर्भवती होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है।

    मोर सहवास करता है या नहीं, जानिए पक्षी वैज्ञानी क्‍या बोल रहे?

    इंदौर/कोलकाता, नईदुनिया। राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस महेशचंद्र शर्मा के मोर पर दिए बयान को पक्षी वैज्ञानियों ने गलत बताया है। जस्टिस शर्मा ने बुधवार को कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी होता है। उसके आंसू को चुगकर मोरनी गर्भवती होती है। इस बात को पशु चिकित्सा महाविद्यालय महू के प्रोफेसर डॉ. संदीप नानावटी ने पूरी तरह भ्रामक और गलत बताया।

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    प्रोफेसर डॉ. संदीप नानावटी ने कहा कि यह अवैज्ञानिक और असत्य है। बगैर संसर्ग (सेक्स) के मोरनी बच्चों को जन्म नहीं दे सकती। वास्तविकता यह है कि मोर शर्मिला पक्षी है, इसलिए वह एकांत मिलने पर ही सहवास करता है। यही वजह है कि लोगों में यह भ्रांति है कि मोर के आंसू चुगकर मोरनी गर्भवती होती है।

    वहीं, देश के ख्यात पक्षी विज्ञानी विक्रम ग्रेवाल ने भी जस्टिस शर्मा के बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पक्षी मोर भी अन्य पक्षियों की तरह मोरनी से सहवास कर प्रजनन करता है। आंसू पीकर गर्भवती होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है। ऐसा कहकर हम दुनिया के सामने उपहास का पात्र बनते हैं। लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि ऐसी बातें अब भी कही जाती हैं।

    गौरतलब है कि जस्टिस शर्मा ने बुधवार को राजस्थान के हिंगोनिया गोशाला को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की सिफारिश की थी। बुधवार को उनके कार्यकाल का अंतिम दिवस था। इसी संदर्भ में उन्होंने मोर का उदाहरण दिया था।

    बारिश के मौसम में मोर पंख फैलाकर मोरनी को आकषिर्षत करने का प्रयास करता है। संसर्ग के बाद मोरनी के अंडों से मोर के बच्चों का जन्म होता है। ऐसे में मोर के जीवन भर ब्रह्मचारी रहने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

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