राजमार्गों की मरम्मत और रखरखाव पर बढ़ेगा खर्च, सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार ने उठाया कदम
केंद्र सरकार देश में राजमार्गों की दशा सुधारने पर जोर दे रही है। राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत की प्रक्रिया को तेज करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय दोगुना से ज्यादा पैसा खर्च करेगा। पढ़ें यह रिपोर्ट...

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में राजमार्गों की दशा सुधारने यानी उनके रखरखाव और मरम्मत की प्रक्रिया को तेज करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस मद में दोगुना से ज्यादा पैसा खर्च करेगा। मंत्रालय रखरखाव और मरम्मत में कुल बजट का दस प्रतिशत तक खर्च कर सकता है। अब तक इस मद में लगभग चार फीसद तक खर्च किया जाता है। पिछले वर्षों में राजमार्ग निर्माण में तेजी आइ है। उसी अनुसार सड़कों पर वाहनों का बोझ भी बढ़ा है और गति भी बढ़ी है। लेकिन रखरखाव को लेकर लगातार सवाल भी उठने लगे हैं।
बजट की कमी आती है आड़े
इस योजना से जुड़े सूत्रों के अनुसार रखरखाव के लिए अक्सर बजट की कमी आड़े आती है, क्योंकि ज्यादा फोकस निर्माण गतिविधियों पर होता है। इस साल सड़क परिवहन मंत्रालय के बजट में 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गई थी और इसका सबसे बड़ा हिस्सा एनएचएआई को मिला था।
बजट में एनएचएआई की हिस्सेदारी लगभग 1.2 खरब रुपये
लगभग दो खरब रुपये के मंत्रालय के बजट में एनएचएआई की हिस्सेदारी लगभग 1.2 खरब रुपये है जबकि मेंटिनेंस और रिपेयर के मद में अभी लगभग सात हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए जाते हैं। अगर कुल बजट की दस प्रतिशत राशि इस मदद में खर्च की जाए तो करीब बीस हजार करोड़ रुपये राजमार्गों की मरम्मत और उनके रखरखाव के लिए उपलब्ध होंगे।
बाकी मुल्कों का यह है हाल
कई देश अपने यहां की सड़कों की मरम्मत और उनके रखरखाव पर सबसे अधिक ध्यान देते हैं और इसीलिए वहां इस मद में बजट की 40 से 50 प्रतिशत तक राशि खर्च की जाती है।
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