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    SIR को लेकर चुनाव आयोग ने जारी किया ब्यौरा, पढ़ें किस राज्य में कितने फॉर्म हुए जमा

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 09:00 PM (IST)

    चुनाव आयोग के अनुसार, 12 राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दूसरे चरण में 63% से अधिक फॉर्म जमा हुए। गोवा, राजस्थान और तमिलनाडु में सबसे अधिक फॉर्म जमा हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और केरल पीछे हैं। आयोग ने बीएलओ पर काम के दबाव के आरोपों को खारिज किया है। एसआईआर का पहला चरण बिहार में हुआ था, जिसमें 65 लाख नाम हटाए गए थे।

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    चुनाव आयोग ने दिया ब्यौरा। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। काम के दबाव में बीएलओ की आत्महत्यों पर जारी विवाद के बीच उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण को भले ही विपक्षी दल सवाल खड़ा रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग के दावे के अनुसार अब तक 63 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने भरे हुए गणना फार्म जमा करा दिए है।

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    इन्हें आयोग ने अपलोड भी कर दिया है। इनमें गोवा में 87 प्रतिशत फार्म जमा हो चुके है, राजस्थान में 82 और तमिलनाडु में 78 प्रतिशत मतदाताओं के भरे हुए गणना फार्म आ चुके है। इस मामले में पिछड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश है, जहां अब तक सिर्फ 41 प्रतिशत भरे गणना फार्म ही जमा हुए है तो 46 प्रतिशत के साथ केरल दूसरे पायदान पर है।

    क्या कहते हैं आधिकारिक आंकड़े?

    चुनाव आयोग से जारी अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एसआईआर के दूसरे चरण में शामिल सभी राज्यों में अब तक 99.25 प्रतिशत से अधिक गणना फार्म वितरित हो चुके है और अब तेजी से जमा कराने का काम चल रहा है। भरे हुए गणना फार्म चार दिसंबर तक जमा हो सकेंगे और नौ दिसंबर को इन सभी राज्यों की एसआईआर आधारित मसौदा मतदाता सूची जारी हो जाएगी।

    आयोग के मुताबिक एसआईआर में शामिल 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 27 अक्टूबर 2025 की मतदाता सूची के मुताबिक 50.97 करोड़ मतदाता है। एसआइआर का पहला पायलट चरण बिहार में चुनाव से ठीक पहले कराया गया जिसमें 65 लाख नामों को अलग-अलग कारणों की वजह से चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से हटा दिया था।

    बीएलओ पर नहीं है काम का कोई दबावः आयोग

    काम के दबाव में बीएलओ के आत्महत्या की घटनाओं के दावों को चुनाव आयोग ने खारिज किया व कहा कि उन पर कोई काम का दबाव नहीं है। एक बीएलओ को सिर्फ एक हजार मतदाताओं के गणना फार्म बांटने और जमा कराने है। एसआईआर का काम उनके लिए कोई नया नहीं है।

    आयोग के अधिकारियों के मुताबिक यदि ये घटनाएं सच है तो बिहार में बीएलओ के आत्महत्या की एक भी घटना सामने क्यों नहीं आयी जबकि वहां कम समय में एसआईआर कराया गया। अधिकारी ने दावा किया कि बिहार के विपरीत बीएलओ को एसआईआर के दूसरे चरण में किसी से कोई दस्तावेज नहीं लेने है।

    कहा बीएलओ के आत्महत्या की ये घटनाएं तब सामने आ रही है, जब एसआईआर का अधिकांश काम इन राज्यों में पूरा हो गया है। उनके मुताबिक इन घटनाओं को लेकर राज्यों से तथ्यात्मक जानकारी मांगी गई है, लेकिन अब तक किसी राज्य से कोई जानकारी नहीं मिली है।

    किन राज्यों में कितने गणना फार्म हुए जमा

    उत्तर प्रदेश- 41.44, केरल- 46.14, पश्चिम बंगाल- 78.42, तमिलनाडु- 65.42, राजस्थान- 82.61, मध्य प्रदेश- 78.50, गुजरात- 73.37, गोवा- 86.77, छत्तीसगढ़- 65.36, अंडमान-निकोबार- 67.39, लक्ष्यद्वीप- 99.91, पुंडुचेरी- 71.06

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