12 राज्यों में तेजी से चल रहा SIR का काम, दूसरे फेज में बांटे गए 99 प्रतिशत से ज्यादा फॉर्म
चुनाव आयोग के अनुसार, 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण में 99% से अधिक फार्म वितरित किए गए। 56% से अधिक फार्मों का डिजिटलीकरण भी पूरा हो चुका है। लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान इस कार्य में अग्रणी हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों से डिजिटलीकरण में तेजी लाने का आग्रह किया है।
-1764092705666.webp)
12 राज्यों में तेजी से चल रहा SIR का काम।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SIR के दूसरे चरण में 99 प्रतिशत से ज्यादा गणना फार्म वितरित किए जा चुके हैं। चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण के तहत चार नवंबर से चार दिसंबर तक देशभर में मतदाता विशेष इनोमरेशन फार्म (ईएफ) के वितरण और डिजिटलीकरण का डाटा उपलब्ध कराया है।
99% से अधिक फार्म वितरित
चुनाव आयोग ने बताया कि मंगलवार तक 50.54 करोड़ फार्म यानी 99.16 प्रतिशत वितरित किए जा चुके हैं, जबकि 28.71 करोड़ फार्म का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, जो 56.34 प्रतिशत है।
चुनाव आयोग के अनुसार, अंडमान-निकोबार, गोवा और लक्षद्वीप में ईएफ वितरण शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है, जबकि मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बंगाल डिजिटाइजेशन के मामले में अग्रणी राज्यों में शामिल हैं।
लक्षद्वीप डिजिटलीकरण में आगे
आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लक्षद्वीप में डिजिटलीकरण 99.33 प्रतिशत के साथ लगभग पूर्ण हो चुका है। गुजरात में ईएफ वितरण 99.73 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 99.85 प्रतिशत, राजस्थान में 99.53 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 99.64 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
तमिलनाडु में यह आंकड़ा 96.65 प्रतिशत और केरल में 97.53 प्रतिशत रहा है। पुड्डुचेरी में वितरण 95.94 प्रतिशत तक पहुंचा है। डिजिटलीकरण में मध्य प्रदेश 72.73 प्रतिशत, गुजरात 67.75 प्रतिशत, बंगाल 70.14 प्रतिशत, राजस्थान 78.39 प्रतिशत और गोवा 82.67 प्रतिशत के साथ अग्रणी राज्यों में है।
UP डिजिटलीकरण में पीछे
उत्तर प्रदेश 34.03 प्रतिशत और केरल 35.90 प्रतिशत में डिजिटलीकरण अपेक्षाकृत धीमा रहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से सत्यापन और डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए और अधिक बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया गया है।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि राजस्थान के आंकड़ों में अंता विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है, जहां उपचुनाव के कारण संशोधन स्थगित कर दिया गया था।
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।