अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव को दुष्कर्म मामले में मिली जमानत
अंडमान और निकोबाद द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव को 21 वर्षीय महिला से दुष्कर्म करने के मामले में सशर्त जमानत मिल गई है। पीड़िता के अधिवक्ता ने जमानत आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने की बात कही है।
पोर्ट ब्लेयर, पीटीआई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच ने सोमवार को एक 21 वर्षीय महिला द्वारा दायर दुष्कर्म के मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति चितरंजन दास और न्यायमूर्ति मोहम्मद निजामुद्दीन की खंडपीठ ने नारायण को सशर्त जमानत दी।
दुष्कर्म पीड़िता की ओर से पेश अधिवक्ता पथिक चंद्र दास ने बताया कि वह जमानत आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "नारायण को सशर्त जमानत दी गई है। शर्तों के तहत वह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तब तक प्रवेश नहीं कर सकता, जब तक कि उसे बुलाया न जाए।''
यह भी पढ़ें: Karnataka: ऑनलाइन मंगाया आईफोन, पैसे न होने पर की डिलीवरी बॉय की हत्या; तीन दिन तक लाश के साथ रहा आरोपी
दास ने कहा, '' शर्त यह भी है कि नारायण गवाह को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों का उपयोग नहीं करेगा, वह किसी भी अधिकारी और पीड़ित पक्ष को फोन नहीं करेगा, अपना पासपोर्ट भी जमा कर देगा और भारत नहीं छोड़ सकता।''
एक विशेष जांच दल (एसआईटी) इन आरोपों की जांच कर रहा है कि महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और उसके बाद नारायण सहित कई लोगों ने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। एसआईटी ने इस महीने की शुरुआत में मामले में 935 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
यह भी पढ़ें: 34 हजार किमी रेल ट्रैक को 'सुरक्षा कवच' देगा रेलवे, आमने-सामने की भिड़ंत के खतरे से निपटने में मिलेगी मदद