अब हर फोन में मिलेगा संचार साथी ऐप, सरकार ने मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों के दिए निर्देश
संचार मंत्रालय ने साइबर सुरक्षा और मोबाइल फोन की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए सभी मोबाइल निर्माताओं को नए फोन में 'संचार साथी' ऐप अनिवार्य रूप से डालने का निर्देश दिया है। यह नियम आयातित फोनों पर भी लागू होगा। इस ऐप से चोरी हुए फोन की शिकायत और सत्यता की जांच की जा सकती है। मंत्रालय के अनुसार, संचार साथी की मदद से चोरी हुए फोन की रिकवरी में वृद्धि हुई है।

निर्माता कंपनियों को मोबाइल फोन हैंडसेट में संचार साथी एप डालना अनिवार्य (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साइबर सुरक्षा और मोबाइल फोन की सत्यता को सुनिश्चित करने के लिए संचार मंत्रालय ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को नए फोन हैंडसेट में संचार साथी एप को डालने का निर्देश जारी किया है। यहां तक कि आयात होने वाले नए फोन में भी संचार साथी एप का होना अनिवार्य होगा।
निर्माता कंपनियां नए मोबाइल फोन की बिक्री से पहले ही उसमें कई एप डाल देते हैं। अब उन्हें संचार साथी एप को भी डालना अनिवार्य होगा। अगले 90 दिनों में सरकार के इस निर्देश का पालन करना होगा और अगले 120 दिनों में निर्माता कंपनियों को अनुपालन रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
मंत्रालय के निर्देश
मंत्रालय ने उन्हें यह भी निर्देश दिया है कि मोबाइल फोन अपडेट की तरह संचार साथी एप को भी अपडेट करने की स्वत: सुविधा होनी चाहिए। संचार साथी पोर्टल वर्ष 2023 में ही आरंभ हो गया था, लेकिन संचार साथी मोबाइल एप इस साल जनवरी में लांच किया गया। इस एप पर उपभोक्ताओं के लिए कई सुविधाएं हैं।
फोन चोरी होने की शिकायत के साथ फोन की सत्यता की जांच इस एप से की जा सकती है। संचार मंत्रालय के मुताबिक इस साल अक्टूबर में संचार साथी की मदद से चोरी हो गए 50534 मोबाइल फोन रिकवर हुए जो इस साल जून में रिकवर हुए फोन की संख्या से 47 प्रतिशत अधिक है।
गत जून में संचार साथी पोर्टल की मदद से 34339 फोन की रिकवरी हुई थी। इस साल अगस्त में 45,243 फोन की रिकवरी हुई थी। मंत्रालय का दावा है कि इस पोर्टल की मदद से हर मिनट चोरी हो गए या खो गए एक मोबाइल फोन की रिकवरी हो रही है। मोबाइल फोन धारक यह जान सकता है कि जिस फोन का वह इस्तेमाल कर रहा है वह कहीं चोरी का तो नहीं है।
एप की मदद से यह भी जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति के नाम पर कितने सिम लिए जा चुके हैं। मंत्रालय के मुताबिक संचार साथी की मदद से अब तक 42 लाख से अधिक मोबाइल फोन को ब्लाक किए जा चुके हैं। मंत्रालय का कहना है कि कई बार लोग सेकेंड हैंड मोबाइल फोन की खरीदारी करते हैं तो उसकी सत्यता जांचने के लिए एप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
किसे ठहराया जाता है जिम्मेदार
कई बार किसी व्यक्ति के नाम पर फर्जी तरीके से सिम आवंटित करा कर उसका इस्तेमाल गलत काम में किया जाता है। इस प्रकार के मामलों में जिनके नाम पर सिम आवंटित है, पुलिस उनसे ही पूछताछ करती है और फर्जीवाड़े के लिए सिम मालिक को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसे में संचार साथी एप पर आसानी से पता किया जा सकता है कि आपके नाम पर आपकी जानकारी के बिना कोई सिम आवंटित है या नहीं। अगर है तो आप उसे ब्लाक करवा सकते हैं।

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