Move to Jagran APP

राष्ट्र निर्माण के लिए हो हर दिन, हर पल का उपयोग, PM मोदी ने पेश की मिसाल ताकि आगे बढ़ता रहे हिंदुस्तान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। जिसके बाद रेलवे अधिकारियों को लगा कि रेलवे का तय कार्यक्रम रद्द हो जाएगा लेकिन तड़के सुबह ही यह तय हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।

By Edited By: Piyush KumarPublished: Sat, 31 Dec 2022 02:50 AM (IST)Updated: Sat, 31 Dec 2022 02:50 AM (IST)
PM मोदी ने पेश की मिसाल ताकि आगे बढ़ता रहे हिंदुस्तान

नई दिल्ली, आशुतोष झा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह रेलवे के एक कार्यक्रम में कहा कि पूरी दुनिया भारत को बहुत भरोसे से देख रही है। हमें हर दिन, हर पल का उपयोग राष्ट्रनिर्माण में करना है। पहले से तय इस कार्यक्रम के कुछ छह सात घंटे पहले ही अहमदाबाद में उनकी मां गुजर गई थीं और कुछ देर पहले ही उनकी अंत्येष्टि हुई थी। संवेदनाओं के लाखों ट्वीट हुए लेकिन अंत्येष्टि स्थल पर सिर्फ परिवार के गिने चुने लोग मौजूद थे। क्या यह सामान्य थी? देश के ताकतवर प्रधानमंत्री और भाजपा के शीर्षस्थ नेता के अत्यंत दुखद क्षण में नेताओं की गैर मौजूदगी वस्तुत: एक कार्य संस्कृति को दर्शाता है जिसमें यह भाव हो कि किसी व्यक्ति के लिए भले ही कितना भी कठिन वक्त क्यों न हो, देश के कदम नहीं थमने चाहिए।

loksabha election banner

मां से हर किसी का खास लगाव होता है और उसे खोने के दुख से हर कोई डरता है। दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री को आशंका हो गई थी कि मां से विदाई होने वाली है जब एकबारगी वह बीमार मां को देखने अहमदाबाद पहुंचे थे। फिर तत्काल दिल्ली वापस हो गए। यह सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए और साढ़े आठ साल से प्रधानमंत्री रहते हुए एक भी दिन अवकाश नहीं लिया है।

रेलवे का कार्यक्रम नहीं हुआ रद्द

शुक्रवार की सुबह जब मां के गुजरने की जानकारी आई तो रेलवे के अधिकारियों को लगा कि कोलकाता में तय कार्यक्रम अब रद होगा। लेकिन सुबह छह पांच बजे ही यह तय हो गया था कि प्रधानमंत्री वर्चुअल तरीके से कार्यक्रम में शामिल होंगे। परिवार की ओर से एक संदेश भी सार्वजनिक कर दिया गया था कि हर कोई अपने तय कार्यक्रम को पूरा करे।

Karnataka: अमित शाह ने लोगों से BJP के लिए मांगा समर्थन, कांग्रेस और JDS को बताया 'परिवारवादी' और 'भ्रष्ट'

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को केरल जाना था, वह गए। केंद्रीय गृहमंत्री को कर्नाटक में होना था और उन्होंने वहां अपना काम किया। गुजरात के मुख्यमंत्री के अलावा अंत्येष्टि में कोई नेता मौजूद नहीं था। पूरी सरकार और पूरी पार्टी अपने तय कार्यक्रम के अनुसार चलती रही। दरअसल प्रधानमंत्री ने इस संस्कृति की शुरुआत काफी पहले कर दी थी। 2019 में पुलवामा की आंतकी घटना में करीब 40 अर्धसैनिक बल शहीद हो गए थे।

आतंकी हमले से दुखी थे PM मोदी

प्रधानमंत्री के साथ देश दुखी था, क्रोधित था। शायद तभी उन्होंने यह मन बना लिया होगा कि उड़ी का बदला सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए लेने के बाद, पुलवामा का बदला बालाकोट एयर स्ट्राइक से होगा। लेकिन उस दिन तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री को दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत को हरी झंडी दिखानी थी और उन्होंने वह किया। हालांकि उस वक्त राजनीतिक विरोधियों ने इसे मुद्दा बनाया था। लेकिन प्रधानमंत्री ने राजनीतिक विवाद से निडर होकर संस्कृति की नींव डाल दी थी। यह संस्कृति सरकार के साथ साथ संसद में भी यह प्रचलित हो गया है।

यह परंपरा चली आ रही थी कि कोई वर्तमान सांसद अगर गुजरता है तो उस दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। अगर सत्र नहीं चल रहा है तो आगामी सत्र का पहला दिन स्थगित होगा। यह परंपरा अब खत्म हो गई है, केवल मौन रहकर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।

'आपकी मां, हमारी मां...थोड़ा आराम कीजिए', वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम में PM मोदी से बोलीं ममता

हरियाणा विधानसभा में गूंजे ठहाके, शेरो-शायरी के जरिये सीएम मनोहर-भूपेंद्र हुड्डा ने एक-दूसरे पर कसे तंज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.