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    कोरोना काल में बच्‍चों की धमनियों में आ रही है सूजन, यूरोप के कई देशों में सामने आए मामले

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 03 May 2020 05:30 PM (IST)

    कोरोना काल में यूरोपीय देशों में बच्‍चों के अंदर कुछ नए लक्षण देखे जा रहे हैं। इसमें बच्‍चों की धमनियों में सूजन के मामले सामने आए हैं। ...और पढ़ें

    कोरोना काल में बच्‍चों की धमनियों में आ रही है सूजन, यूरोप के कई देशों में सामने आए मामले

    नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस को लेकर लगातार शोध हो रहे हैं। इन शोध में कई सारी ऐसी चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं जिनसे वैज्ञानिक हैरान हैं। दरअसल, कोरोना वायरस लगातार अपना प्रकार और लक्षण बदल रहा है। पिछले दिनों अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने चेताया था कि इसके जो लक्षण पूर्व में बताए गए थे उनके अलावा भी मरीजों में कुछ नए लक्षण देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना था कि इन लक्षणों के प्रति हर किसी को सजग रहना चाहिए। वहीं कनाडा में कुछ ऐसे मामले सामने आए थे जिनमें कोरोना संक्रमित मरीजों के पांव में नीले या बैंगनी रंग के निशान देखे गए थे।

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    अब इसको लेकर एक नई बात सामने आई है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में बच्चों में कोरोना काल में एक दुर्लभ बीमारी फैल रही है। इसमें बच्चों के शरीर में खून पहुंचाने वाली रक्त धमनियों में सूजन आ जाती है। ज्यादातर डॉक्टर संक्रमण को इसकी वजह मान रहे हैं। कम से कम छह देशों में ऐसी दुर्लभ बीमारी के 100 मामले देखे गए हैं। इसे कावासाकी से मिलता-जुलता माना जा रहा है।

    इस बीमारी का पहला मामला लंदन में पिछले सामने आया था। यहां के स्वास्थ्य विभाग ने सभी बाल रोग विशेषज्ञों को चेतावनी भेजते हुए कहा था कि कई ऐसे बच्चे अस्पतालों के आईसीयू में हैं, जिनमें कावासाकी नामक बीमारी देखी गई है। इसमें रक्त वाहिकाओं, हृदय और अन्य अंगों में सूजन आ जाती है। ब्रिटेन में अब तक 19 बच्चों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं। इसके अलावा ऐसा ही मामला फ्रांस में सामने आया है जिसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ऑलिवर वेरान ने दी है। उनके मुताबिक देश में एक दर्जन ऐसे बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, जिनके दिल के आसपास सूजन पाई गई है।

    हालांकि उन्‍होंने कहा कि इसे कोरोना से जोड़ने के लिए ज्यादा सबूत फिलहाल मौजूद नहीं है। लेकिन कोरोना संकट में इन लक्षणों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी तरह के मामले स्पेन, इटली और स्विट्जरलैंड में भी देखने को मिले हैं। इसके लक्षणों में बुखार, पाचन में समस्या और वाहिकाओं में सूजन शामिल हैं। खास बात ये है कि इस तरह के लक्षण किसी एक उम्र के बच्‍चों में दिखाई नहीं दे रहे हैं बल्कि इसमें हर उम्र के बच्‍चे शामिल हैं।

    इन सभी के अलावा क्लीनिकल कैरेक्टराइजेशन कंसोर्टियम द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि कोरोना से होने वाली मौतों में मोटापा और डिमेंशिया भी एक बड़ा कारक है। ये शोध अस्‍पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित करीब 17,000 मरीजों पर किया गया है। इनमें से 53 प्रतिशत ऐसे थे, जो किसी न किसी हृदय की पुरानी बीमारी से ग्रसित थे।

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