'ईपीएफओ कार्यालयों को सिंगल-विंडो सेवा केंद्रों के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा', मनसुख मांडविया की बड़ी घोषणा
केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं युवा मामले के मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को देशभर में ईपीएफओ सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों क ...और पढ़ें

'ईपीएफओ कार्यालयों को सिंगल-विंडो सेवा केंद्रों के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा', मनसुख मांडविया (फाइल फोटो)
एएनआइ, अहमदाबाद। केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं युवा मामले के मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को देशभर में ईपीएफओ सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि सभी ईपीएफओ कार्यालयों को आधुनिक, प्रौद्योगिकी-सक्षम, पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर सिंगल-विंडो सेवा केंद्रों में परिवर्तित किया जा रहा है। इससे नागरिक देशभर के किसी भी क्षेत्रीय कार्यालय में ईपीएफ संबंधी किसी भी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में एक पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है और आगे चलकर लाभार्थी अपनी समस्याओं का समाधान किसी भी क्षेत्रीय कार्यालय में करवा सकेंगे, जिससे उन्हें पहले से जुड़े किसी विशिष्ट कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि श्रमिकों की निष्क्रिय खातों में फंसी राशि के लिए मिशन-मोड में केवाईसी सत्यापन कराया जाएगा और सही दावेदार को बिना किसी परेशानी के भुगतान किया जाएगा। इसके लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म लांच किया जाएगा ताकि दावों को सरल तरीके से दाखिल किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि आगे चलकर, भारत के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में सामाजिक सुरक्षा संरक्षण प्रविधान शामिल किए जाएंगे ताकि विदेशों में कार्यरत भारतीय श्रमिक भारत लौटने के बाद भी अपने पीएफ योगदान को बनाए रख सकें और लाभ प्राप्त कर सकें जैसा कि भारत-ब्रिटेन एफटीए के मामले में देखा गया है।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के पास आज 28 लाख करोड़ रुपये का कोष है और यह 8.25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज प्रदान करता है। यदि श्रमिकों का पैसा ईपीएफओ के पास है, तो उस पर भारत सरकार की गारंटी है।

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